3500 किसान ‘किस्सान’ के लिए उगाएंगे टमाटर

हिंदुस्तान यूनिलीवर ने पंजाब और कर्नाटक के लगभग 3500 किसानों से एक करार किया है जिसके तहत वे इस बहुराष्ट्रीय कंपनी के लिए टमाटर उगाएंगे। कंपनी इन टमाटरों का इस्तेमाल अपने उत्पाद ‘किस्सान’ केचप में बतौर कच्चा माल करेगी। कंपनी चार साल पहले तक केचप के लिए सारा टमाटर पेस्ट बाहर से आयात करती थी। अब यह आयात घटकर 20 फीसदी से भी कम हो गया है।

हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) में सुप्लाई श्रृंखला के प्रभारी और कार्यकारी निदेशक प्रदीप बनर्जी ने मीडिया को यह जानकारी दी। बनर्जी का कहना है, “यूनिलीवर में हम टमाटर और उसके पेस्ट के बहुत बड़े ग्राहक हैं। हम तक पहुंचने के लिए भारतीय किसानों को लैटिन अमेरिका और पूर्वी यूरोप से टक्कर लेनी होगी। अभी हम 40,000 टन टमाटर उगाते हैं। समय के साथ यह मात्रा बढ़ती जाएगी।”

सर्फ व रिन डिटरजेंट, लक्स व लाइफब्वॉय साबुन और नोर सूप बनानेवाली एचयूएल ने कृषि उत्पादों को भारत में उगाने और किसानों से खरीदने की पहल पहली बार की है। यही नहीं, वह भारत में कुछ कृषि उत्पाद उगाकर निर्यात भी करने लगी है। जैसे, वह आंध्र प्रदेश, कर्नाटक व तमिलनाडु में खीरे की खेती केवल निर्यात के लिए करवा रही है।

असल में बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भारत से कृषि उत्पाद खरीदना सस्ता पड़ता है। इसमें भी अगर वे सीधे किसानों से हाथ मिला लेती हैं तो उनकी लागत और घट जाती है। यही वजह है कि मैक्डोनाल्ड्स इस समय साल भर में 1440 टन लेट्यूस (सलाद पत्ता) और 30,000 टन आलू भारत के ही सप्लायरों से ले रही है।

इस मायने में पहली शुरुआत पेप्सिको ने की थी। उसने 2004-05 से भारत में आलू उगाने की शुरूआत की। वह हर साल करीब ढाई लाख टन आलू उगाती है। पेप्सिको में कृषि मामलों के उपाध्यक्ष जयदीप भाटिया के मुताबिक कंपनी अभी तक नौ राज्यों में 24,000 किसानों के साथ मिलकर काम कर रही है। इस साल इसमें 6000 किसान और जुड़ जाएंगे। (स्रोत: मिंट)

3 Comments

  1. सलाद पत्ते को काहू भी कहते हैं…

  2. kya punjab v haryana ke sath up ke kisano
    ko yh mauka nhi dena chahenge

  3. kya punjab v haryana ke sath up ke kisano
    ko yh mauka nhi dena chahenge

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