5% पेट्रोल हम पर और 80% कार पर!

हम आमतौर पर जिन कारों की सवारी करते हैं, उनमें लगनेवाले पेट्रोल या डीजल का महज 5% हमें ढोने में लगता है। 80% ईंधन तो खुद कार को ढोने में लग जाता है। बाकी 15% हिस्सा ईंधन को ऊर्जा में बदलने की प्रक्रिया के दौरान बरबाद चला जाता है। विकसित देशों में कार जरूरत की सवारी है, जबकि अपने यहां जरूरत से ज्यादा शान और दिखावे की। यह दिखावा हमारी ही नहीं, देश की जेब पर भी बड़ा भारी पड़ता है क्योंकि पेट्रोलियम तेलों की जरूरत का लगभग 80% हिस्सा हमें आयात करना पड़ता है। वैसे, सरकार अगर सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था चौकस बना दे तो शायद लोगों में कारों का मोह कम हो जाए।

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