मैं नहीं हम

मैं नहीं, हम कौन। यह एक आदमी का प्रयास कतई नहीं हो सकता। लेकिन यह भीड़ का भी प्रयास नहीं है। यह हिंदी जगत के उन लोगों का प्रयास है जो अनेक होते हुए भी एक हैं। हिंदी समाज के जरिए सारे भारत को मजबूत धरातल देने का प्रयास है यह। हिंदी अवाम के बहाने सारे वंचित भारतवासियों को शक्तिसंपन्न बनाने का प्रयास है यह। अनेक में शामिल एक मैं हूं तो एक आप भी हैं। आइये, हम सब मिलकर कौटिल्य की परंपरा को आगे बढ़ाते हैं। गढ़ते हैं एक नया अर्थशास्त्र जो भारत की प्राकृतिक और मानव संपदा के संपूर्ण विकास की गारंटी देगा। लेकिन कुछ नया लाने के लिए पुराने को गहराई से समझना जरूरी है। तो शुरुआत मौजूदा आर्थिक व वित्तीय प्रणाली की गूढ़ता को भेदने से करते हैं।

29 Comments

  1. अनिल जी, आपके इस प्रयास के लिए ढेर सारी बधाइयां। अप्रैल में शुरू हो रहे वित्तीय वर्ष के साथ ही अर्थकाम का अवतरण होगा। साधुवाद। इसके लिए की मेहनत को सलाम, जिसमें आप कभी थकते नहीं। आपकी क्षमता पर हमे नाज है। कौटिल्य के अर्थशास्त्र की तरह ही अर्थकाम अपनी साख बनाकर मजबूत वेबसाइट के रूप में ख्याति प्राप्त करे, यही मेरी शुभकामना है।

  2. भाई साहब,

    इस पहल के लिए बधाई

  3. Sir,
    Congratulation for this….

  4. हम हिंदी वालों के लिए सोचने और पहल करने के लिए धन्यवाद और बधाई

  5. अनिल जी, फोन पर पहले ही बधाई दे चुका हूं। अब साइट पर भी बधाई लीजिए। बेहतर और सुंदर प्रयास है। आपके ज्ञान और संपर्क से हमें कई अच्‍छे समाचार और विचार पढ़ने को निरंतर मिलेंग। शुभकामनाएं एक बार फिर।

  6. अनिल रघुराज जी, आपका नाम सुना है..और आपका ये प्रयास भी देखा.. मैं अमर उजाला कारोबार बंद होने के बाद अखबार में पहुंचा था..और उसकी अकाल मृत्यु से लगा था कि हिंदी में आर्थिक मामलों पर चर्चा के लायक पाठक वर्ग ही नहीं है..हालांकि मेरी आर्थिक मामलों में एक उपभोक्ता से ज्यादा रुचि नहीं रही है पर आज जब मैंने आपकी साइट देखी, तो कई खबरें पढ़ डालीं, देखूं कैसे प्रस्तुत किया गया है इन गूढ़ लगने वाले सवालों को.. और मुझे लगा कि ये बेहद जरूरी कदम है..सही समय पर लिया गया है.. और सबसे अच्छी बात जो मुझे लगी..आपकी साइट की साफ सुथरी छवि..करीने से सजी खुली खुली खबरें.. स्पष्ट और सीधी खरी बात करने वालीं..एक सुझाव भी देना चाहूंगा कि आप अपनी साइट पर कोई ऐसी जगह तय करें जहां अर्थ से जुड़े किसी खास शब्द का अर्थ दिया गया हो..उपयोगी रहेगा..बहुत बहुत धन्यवाद

  7. बेहतरीन प्रयास है…मंगलकामनाएं स्‍वीकारें।

  8. अनिल जी ,
    बहुत-बहुत बधाई,
    हिंदी में अर्थ -व्यापार पर साईट शुरु करने के लिए.
    हम अंग्रेजी का दुखड़ा ले कर ही रोते रहते हैं,लेकिन
    हिंदी में पहल ही नहीं करते.आप ने किया,इसके लिए भी बधाई.
    अर्थ व्यापार ,व्यवसाय पर हिंदी मे कुछ भी नहीं है केवल अंग्रेजी मे.
    अब अंग्रेजी वालों कों कुछ सोचना पड़ेगा .
    पुनः बधाई.
    प्रदीप श्रीवास्तव
    निज़ामाबाद (आंध्र प्रदेश)
    0 9848997327

  9. बहुत बेहतरीन कोशिश। अब बेवसाइट को आर्थिक रूप से सशक्त करने में जुट जाइये। खुद का कारोबार शुरू करने के लिए शुभकामनाएं।

  10. aapne khud ka portal shuru kar hum logo ko kuch karne ki prena de di hei media sansthaano me nukari ab sabse riskey hein.

  11. Anil ji aap ka yah pryas aage chal kar meel ka patthar sabit hoga. hamare mitra Ajay Sharma ne sahi kaha ki aap ki site saaf suthari hai. content lajawab hai. thoda leyout aur sudharen to yah aakarshak lagega. badhai
    sanjay, chief sub editor. jansatta

  12. Anil ji aap ka yah pryas aage chal kar meel ka patthar sabit hoga.
    madan baliyan

  13. बहुत अच्‍छा प्रयास है… आपको यहाँ भी पढ़ते रहेंगे।

    शुभकामनाएं

    – आनंद

  14. Anilji,
    congratulation ! Your enedevior and effort will be benificial to thousands of investors from not only Hindi belt but throughout India. Your daily comment on stockmarket closing is something unique.

    Madhu Barbhaya

  15. आपका ये प्रयास बहुत की सुंदर और बेहतरीन है मुझे उम्मीद है की ये आगे चल कर मील का पत्थर साबित होगी उन सभी दस्तों के लिए जो की फिनेंस की इंग्लिश को लेकर थोड़े व्यथित रहते थे मेरी शुभ कामना आपके साथ है

  16. Never heard of this website before. Accidentally or coincidentaly opened cni research website and then found this website. Indeed it is a fantastic and splendid effort. Very-very invaluable comments and articles. Many-many congratulations!!! We need more and more entrepreneurs like you.

  17. Bhai Saheb Namaskar,
    A lot of congratulations. It’s a great attempt by you to provide relevent informations on lots of issues concerned with economy. The day you launched the site, I tried to telephone you to congratute, but of no avail, as your telephone was not responding. It’s really a great effort.

    Your’s Umanath Singh
    09891029382
    New Delhi

  18. Anilji,
    Congratulations ! Its really very nice to hear your valuable views & prediction on present market.
    It will be great if you could advise us the trading strategy and basic factors of WTI (crude oil) since the price of crude is quite volatile.

    Thanks and best wishes,
    Dharmendra Lakhwani

  19. I have worked with Anil Ji in CNBC-AWAAZ. I have been a big fan of his writing abilities. I can remember the obituory he had written after Pramod Mahajns’ death. Its a nice venture for Hindi readers. Tons of Best Wishes.

    Rgds-
    Alok Vani.

  20. उपरोक्त विचार जैसे मेरे ही कंठ से निकले है| वैसे, रघुराज जी, आपने स्वयं कहा है, “मैं नहीं हम”–हम सभी ऐसा सोचते हैं| व्यक्तिगत रूप से मुझे आर्थिक और वितीय विषयों में कोई रूचि नहीं है लेकिन आपके हिंदी समाज के माध्यम द्वारा भारत को मजबूत धरातल और भारतवासियों को शक्तिसंपन्न बनाने के प्रयास ने मुझे गंभीरता से सोचने को बाध्य कर दिया है| कवियों को छोड़ मुझे याद नहीं कब किसी को भारत और भारतवासियों के हित में कुछ कहते सुना था| मेरा विचार है कि आपका वेबसाईट श्रेष्ठ और अर्थकाम स्वयं में परिपूर्ण है| कुछ समय से बाबा रामदेव द्वारा प्रचलित भारत स्वाभिमान ट्रस्ट की गतिविधियों का अवलोकन कर रहा हूँ| यदि आप को भारत स्वाभिमान के उद्देश्यों में विश्वास और रूचि है तो मैं चाहूँगा कि कम से कम अर्थकाम का लिंक उनकी वेबसाईट पर अवश्य होना चाहिए| भारत को लेकर यह योग सहभागिता और सामजस्य का प्रतीक होगा|

  21. bhai sahab bahut achha laga aapki website dekhkar. bahut barhiya kalevar hai. mere layak koe seva ho to batayea. mera mobile kho gaya hai. pls apna number mujhe mail kar deejiyega.
    regards
    manish dixit

  22. Keep it up . SIR Congrats.

  23. I really appreciate your effort. It is indeed a very professional and helpful blog.

  24. badhai dene se kuch nahi hoga
    ARTHKAAM ko chaiye ek majbut financial support

    kyo ki congratulations dincharya nahi chalti hai

  25. भाई क्या हिंदी में आपकी पकड़ है और क्या शब्दों का चयन है आपका अद्भुत

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