बरसात के मौसम में जैसे आपकी कार को खास देखभाल की जरूरत होती है, ठीक वैसे ही ज्यादा से ज्यादा फायदे के लिए कार इंश्योरेंस में भी आपको खास सावधानियां बरतनी पड़ती हैं। बारिश का मौसम अपने साथ ताजगी के साथ कई तरह की मुसीबतें भी लेकर आता है। रास्ते पर जलभराव व गड्ढों की वजह से ट्रैफिेक जाम और एक्सीडेंट से वाहन मालिकों को दो-चार होना पड़ता है। इसलिए इस मौसम में आपको कार के साथऔरऔर भी

स्पीक एशिया अपनी जिस साप्ताहिक ई-पत्रिका सर्वेज टुडे के सब्सक्रिप्शन के नाम पर अपने पैनलिस्टों से साल के 11,000 और छह महीने के 6000 रुपए लेने का दावा करती है, वैसी उसकी कोई ई-पत्रिका है ही नहीं। फिर भी कंपनी यह दावा इसलिए करती है ताकि उसके फ्रेंचाइजी या एजेंटों को यहां जमा की गई रकम को सिंगापुर भेजने का वाजिब आधार मिल जाए। असल में ये एजेंट व फ्रेंचाइजी अभी तक खुद को सर्वेज टुडे काऔरऔर भी

ग्रीस की खराब आर्थिक हालात के कारण पूरा यूरोप चिंतित है। भारत में महंगाई की स्थिति खराब चल रही है। इन हालात में बदनाम पी-नोट्स (पार्टिसिपेटरी नोट्स) के जरिए भारतीय शेयर बाजार में एक बार फिर बड़े पैमाने पर निवेश शुरू हो गया है। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के कुल निवेश में पी-नोट्स की हिस्सेदारी मई महीने में 19.5 फीसदी तक पहुंच चुकी थी। सेबी के मुताबिक अप्रैल में यह आंकड़ा 15 फीसदी ही था। हालांकि यहऔरऔर भी

स्पीक एशिया का सिंगापुर में मुख्य बैंक खाता फ्रीज हो चुका है। भारत में उसका अपना कोई पक्का पता-ठिकाना है नहीं तो उसके अपने नाम में कोई बैंक खाता भी नहीं है। लेकिन आयकर विभाग ने स्पीक एशिया से एजेंट, फ्रेंचाइजी या किसी अन्य रूप में जुड़े पूरे तंत्र की जांच शुरू कर दी है। बावजूद इसके स्पीक एशिया आसानी ने भारत का धंधा छोड़ने को तैयार नहीं है और अपने लगभग 20 लाख पैनेलिस्टों को शांतऔरऔर भी

अगर आम निवेशक पिछले साल आए आईपीओ (शुरुआती पब्लिक ऑफर) के ताजा हाल से दुखी हैं तो कंपनियों से सीधे क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेटसमेंट या क्यूआईपी में शेयर खरीदने वाले संस्थागत निवेशकों की हालत भी अच्छी नहीं है। साल 2010 में आए 55 में 31 आईपीओ के भाव इश्यू मूल्य से नीचे चल रहे हैं तो इस दौरान हुए 50 क्यूआईपी में से 33 ने अभी तक घाटा दिलाया है। क्रिसिल इक्विटीज के एक अध्ययन के मुताबिक 2010औरऔर भी

anil writing

उनको इतनी मिर्ची लग जाएगी, अंदाजा नहीं था। दुख इस बात का है कि छल-प्रपंच में लगी स्पीक एशिया की तरफदारी ऐसे लोग कर रहे हैं जो बड़ी ईमानदारी व मेहनत से घर-परिवार चलाते हैं। मानस कुमार भले ही स्पीक एशिया के घोटालेबाज टीम से सदस्य हों, लेकिन महेश, हरप्रीत, रंजीत, अजीत, धीरज रावत, नितेश और ‘बेनामी’ झलक तक हमारे-आप जैसे लोग हैं जो अपनी व अपनों की जिंदगी में खुशियां बिखेरना चाहते हैं। झलक की यहऔरऔर भी

सुप्रीम कोर्ट ने पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी को सहारा समूह की दो कंपनियों के ओएफसीडी इश्यू की तहकीकात जारी रखने का आदेश दिया है। कोर्ट का कहना है कि हो सकता है कि निवेशकों को इन उत्पादों (डिबेंचरों) का कोई आगा-पीछा ही न मालूम हो और वे बाद में खुद को हर्षद मेहता जैसी धोखाधड़ी का शिकार हुआ महूसस करें। कोर्ट ने गुरुवार को सहारा इंडिया रीयल एस्टेट कॉरपोरेशन और सहारा हाउसिंग इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन के ओएफसीडीऔरऔर भी

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार 12 मई तक सहारा समूह से उन सभी एजेंटों की सूची मांगी है जिन्होंने उसकी कंपनी सहारा इंडिया रीयल एस्टेट कॉरपोरेशन के ओएफसीडी (ऑप्शनली फुली कनर्विटल डिबेंचर) स्कीम के लिए घन जुटाया है। लेकिन एजेंटों की सूची पर सहारा इंडिया की सफाई देखने लायक होनी चाहिए क्योंकि सहारा समूह की सभी कम्पनियों की अधिकृत एजेंट तो अकेली सहारा इंडिया है। यह फर्म देश भर में अपनी शाखाएं खोल कर एजेंट नियुक्त करती है।औरऔर भी

केंद्र सरकार ने देश भर में फैले करीब 2.73 लाख ग्रामीण डाक सेवकों को रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा देने के लिए विशेष स्कीम शुरू की है। इसमें डाक सेवक को अपनी तरफ से कोई खर्च या निवेश नहीं करना होगा। भारत सरकार का डाक विभाग हर ग्रामीण डाक सेवक के खाते में प्रति माह 200 रूपए जमा करेगा। इस तरह जमाराशि से 65 साल की उम्र मे रिटायर होने पर ग्रामीण डाक सेवकों और उनके पति/पत्‍नीऔरऔर भी

करीब महीने भर पहले मेरी मुलाकात नूतन संजय गीध से हुई। 33 साल की नूतन एक निजी कंपनी में काम करती है। बड़ी बेचैन थीं। बीते वित्त वर्ष में भारी भरकम इंक्रीमेंट मिलने के कारण उसका टैक्स का दायरा बढ़ गया था। सो, नूतन ने बीमा पॉलिसी में निवेश करने का मन बनाया। यह पॉलिसी वह टैक्स बचाने के लिए खरीदना चाहती थीं। जब मैंने इस बारे में सलाह देनी चाही तो वह बोली कि सर, रहनेऔरऔर भी