वित्तीय बाजार की ट्रेडिंग आपके मन का आईना है, जहां आपकी हर भावनात्मक कमज़ोरी देखने को मिल जाती है। विचारों का स्तर क्या है, भावनाओं का स्वरूप क्या है, आपकी वृत्तियां क्या हैं और आपकी स्मृतियों में क्या-क्या पड़ा है, यह सारा कुछ ट्रेडिंग में झलक जाता है। अगर मनोगत स्थिति से ऊपर उठकर आपने जो जैसा है, उसे वैसा देखने का वस्तुगत सलीका नहीं अपनाया तो ट्रेडिंग में बराबर मात खाते रहेंगे। अब बुध की बुद्धि…औरऔर भी