दो दिन के व्यवधान के बाद यह कॉलम दोबारा हाज़िर है। असल में यही अनिश्चितता है जिस पर आपका कोई वश नहीं चलता। यहां आकर आपकी सारी योजना धरी की धरी रह जाती है। वित्तीय बाज़ार की ट्रेडिंग करते वक्त हमें अनिश्चितता का यह पहलू हमेशा ध्यान में रखना चाहिए। यह सकारात्मक भी होती है और नकारात्मक भी। फायदा तो अच्छा और घाटा तो हमें उसके सामने हाथ खड़ा करके निकल जाना चाहिए। अब बुधवार की बुद्धि…औरऔर भी