ज़नाब बोले: मेरे बाप बड़े बहादुर थे। जंगल में अकेले जाकर शेर से भिड़ गए। पूछा: फिर क्या हुआ तो बोले: शेर उन्हें मारकर खा गया। शेयर बाज़ार में भी ऐसे बहादुर ‘शहीदों’ की कोई कमी नहीं। आए दिन होते रहते हैं। ऐसे लोग स्टॉप-लॉस लगाने को अपनी तौहीन समझते हैं। दरअसल, इस मानसिकता में इंसान खुद को तुर्रमखां समझता है। लेकिन बाज़ार उनकी रत्ती भर भी परवाह किए बगैर चलता जाता है। अब सोम का व्योम…औरऔर भी