खबरों से खेलना महज खामख्याली है
अगर कोई रिटेल ट्रेडर सोचता है कि वह खबरों पर खेलकर बाज़ार से नोट बना लेगा तो यह उसकी निपट मूर्खता है। खबरों पर या तो कंपनी के प्रवर्तक व अंदर के लोग या उनसे गहरा ताल्लुक रखनेवाली संस्थाएं ही कमाती हैं। प्रवर्तक अमूमन खुद सीधे कुछ नहीं करते, बल्कि कामयाब निवेशकों का पट्टा पहने ऑपरेटरों का सहारा लेते हैं। कई तो रिसर्च कंपनियों की आड़ में धूर्त प्रवर्तकों की सेवा करते हैं। अब सोमवार का व्योम…औरऔर भी