शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग से कमाना है तो हमें समग्र अर्थशास्त्र के बजाय इंसान के धन-संबंधी मनोविज्ञान को कायदे से समझना पड़ेगा। तभी हम अपने पूर्वाग्रहों के निजात पा सकते हैं। इनमें सबसे अहम पूर्वाग्रह है कि हम फायदे पर जितना चहकते हैं, उतनी ही रकम के नुकसान पर दोगुना दुखी हो जाते हैं। इस सोच के चलते घाटा लगने पर भी किसी सौदे को छोड़ नहीं पाते और घाटा बढ़ाते जाते हैं। अब शुक्रवार का अभ्यास…औरऔर भी