मन को नकारात्मक व नुकसानदेह मान्यताओं या धारणाओं के मुक्त करने के एक नहीं, अनेक तरीके हैं। मूल बात है कि इन्हें हमें अपने अंदर देखना होगा। इन्हें देखना भर है। न इनसे जुड़ाव रखना है, न दुराव। इतना करते ही इनका मिटना शुरू हो जाएगा। एक दिन चेतन और अवचेतन मन के बीच की लौह दीवार टूट जाएगी और मन पूरी ताकत से खिल उठेगा। लेकिन यह काम आपको खुद करना होगा। अब शुक्रवार का अभ्यास…औरऔर भी