निवेशक कंपनी की मूलभूत मजबूती व लाभप्रदता के दम पर दौलत बनाने के लिए रिस्क लेता है, जबकि ट्रेडर कंपनी के शेयरों की गति, लहरों के उसके स्वभाव पर दांव लगाकर कमाता है। दोनों ही रिस्क लेते हैं। निवेशक का रिस्क ज्यादा नहीं होता, जबकि ट्रेडर जमकर रिस्क लेता है। कम रिस्क तो कम रिटर्न और ज्यादा रिस्क तो ज्यादा रिटर्न। यह शाश्वत नियम बाज़ार में काम करता है। कोई इससे ऊपर नहीं। अब मंगलवार की दृष्टि…औरऔर भी