इंसान किसी काम में माहिर नहीं हो जाता, तब तक उसे बाहरी मदद की दरकार रहती है। यह बड़ी स्वाभाविक इच्छा है। शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग की शुरुआत में भी टिप्स पाने की इच्छा जगती है। लेकिन धीर-धीरे जब आप बाज़ार के स्वभाव को समझकर अपना सिस्टम विकसित कर लेते हो, तब बाहरी टिप्स या सलाह का कोई मतलब नहीं रह जाता। तब उसका महत्व बच्चे से उंगली पकड़वाने जितना रह जाता है। अब सोमवार का व्योम…औरऔर भी