भक्त: हे भगवान! मेरी मनोकामना है कि ये बाजार चढता जाए तो अच्छा रहे। बाजार में किसान, मजदूर आदि सभी ने तरह-तरह के अच्छे अच्छे शेयर ले रखे हैं। इन ईमानदार मेहनती लोगों की गाढ़े पसीने की कमाई अमीर लोग वैसे ही हजम कर जाना चाहते हैं जैसे खड़ी सब्जी की फसल पर किसान को व्यापारी हजम कर जाना चाहता है। (वह कहता है कि सस्ते में फसल बेचो, वरना मैंने तो माल खरीदना नही है, और कोई खरीदार आएगा नहीं, समय पर तुमने सब्जी की फसल नहीं बेची तो अगली फसल के लिए खेत खाली कैसे होगा? सब्जी की ये खड़ी फसल भी खराब हो जाएगी मैं तुम्हें कुछ मूल्य चुका कर नुकसान की आंशिक भरपाई तो कर ही रहा हूँ)
हे प्रभु! कुछ किसान मजदूरों ने तो ब्याज पर पैसे ले कर अच्छे शेयर खरीदे हैं, कुछ ने अपनी पूँजी से शेयर खरीद रखे हैं बेटियों के ब्याह के लिए उनको धन चाहिए। पर बाजार है कि इनको सही मोल दे ही नहीं रहा।
भगवान: हे भक्त! तू सही कह रहा है कि अमीर गिद्ध, कौओं की तरह इन निवेशकों को निगल जाने को आतुर है। वे केवल इनके थक कर गिर जाने की प्रतीक्षा भर कर रहे हैं। ताकि वे इनको नोच-नोच कर खा जाएं। पर अब तू पक्का जान कि बाजार में तेजी आने ही वाली है। पर तू क्यों चिंतित हो रहा है, न तो तेरे पास शेयर है और ना ही तू शेयर बेचना ही चाहता है।
भक्त: नहीं, भगवान। ये तो अमीरों का काम है, यद्यपि आपकी कृपा से अब मार्केट चढ़ ही जाएगा परंतु शेयर खरीद लेने का मेरा साहस नही होता। आपके अथक प्रयासों के बावजूद मार्केट चढ़ा नहीं और गिरता ही गया तो मैं तो इस जुए में डूब जाऊंगा। पता नही किस खाई में जाकर मार्केट गिरेगा, फिर मैं उन लोगों को पैसा कहां से ला कर दूँगा जिनसे मैंने शेयर खरीद लिए? कोई ऐसा ताबीज बताएं कि मैं उसे खरीद लू और मार्केट चढ़ता ही जाए तो मैं भी कमा लूं। और, अगर भगवान! आपके वादे के अनुसार मार्केट न चढ़ा तो केवल ताबीज की कीमत डूबने का गम तो बरदास्त कर लूंगा। इससे (ताबीज की कीमत से) अधिक निवेश के लिए मेरे पास तो पैसा ही नही है।
भगवान: तथास्तु। भक्त! बाजार जा और महंगी-सी कॉल खरीद कर धारण कर ले। तुम्हारी सूचना सही है कि अमीरों ने शेयरों के भाव अत्यंत कम कर रखे हैं तो अब शेयरों का भाव चढ़ना निश्चित है। बाजार जितना ऊंचा चढेगा, तेरा ताबीज तुम्हें उतना ही लाभ देगा। बाजार के नीचे जाने की परवाह ना कर, ज्यादा से ज्यादा तेरी ताबीज (कॉल) के लिए चुकाई रकम डूब जाएगी। तेरे ताबीज खरीदने के बाद बाजार में शेयर के भाव अगर चढ़ने लगे तो तेरे ताबीज की कीमत चढ़नी शुरू हो जाएगी। जिस समय तू संतोष कर ले, अपना ताबीज बाजार में बेच कर लाभ कमा लेना। लेकिन अगर बाजार गिरना शुरू हो जाए तो अपने ताबीज की गिरती कीमत पर दुख मत करना, क्योंकि अब उन भक्तों को यह ताबीज और सस्ता मिलेगा जिन्होंने अमीरों की नीयत को देरी से पहचाना। परंतु मैं यह रहस्य तुम्हें ही बता रहा हूं कि सस्ते ताबीज काम नही आते, क्योंकि क्लोजिंग का टाइम अब एकदम नजदीक आ चला है। अत: सस्ते ताबीज प्राय: निष्फल जाते हैं।
कथावाचक: सुरेश कुमार शर्मा
सौजन्य: G-Business, पता – हेड पोस्ट ऑफिस के सामने, रतनगढ़ – 331022, राजस्थान। फोटो सौजन्य: Cheryl Empey
(नोट: ये विचार लेखक के हैं और इनसे ‘अर्थकाम’ का सहमत होना जरूरी नहीं है)
ठीक है। थोडा विस्तार से बताएं प्रभु।