एफआईआई जाएंगे कहां! ड्रामा है सब

बाजार का 200 दिनों के मूविंग औसत (डीएमए) से नीचे चले जाना कोई मामूली बात नहीं होती। लेकिन आज सुबह सवा दस बजे के आसपास यही हुआ, जब सेंसेक्स नीचे में 17,061.16 पर पहुंच गया। सेंसेक्स का 200 डीएमए फिलहाल 17,118.99 है। लेकिन कुछ ही समय बाद वित्त मंत्रालय की तरफ से बयान आ गया कि वे पी-नोट्स को निशाना नहीं बना रहे हैं तो बाजार खटाक से चहकने लग गया। सेंसेक्स कुल 204.58 अंक की बढ़त लेकर 17,257.36 पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 5184.65 तक गिरने के बाद 1.14 फीसदी बढ़कर 5243.15 पर बंद हुआ। निफ्टी मार्च फ्यूचर्स का आखिरी भाव 5265.65 और अप्रैल फ्यूचर्स का आखिरी भाव 5310 रहा।

असल में कहा जा रहा है कि पी-नोट्स पर टेलीविजन चैनलों पर वित्त मंत्रालय के सूत्रों की तरफ से सकारात्मक खबर चलने के बाद शॉर्ट कवरिंग शुरू हो गई तो बाजार बढ़ गया। लेकिन हकीकत यह है कि ऐसा होना ही था। असली मसला रोल्स का है। गुरुवार को डेरिवेटिव सौदों के सेटलमेंट की एक्सपायरी है। इसलिए तब तक रोलओवर के दौर में बाजार में भारी उथल-पुछल मची रहेगी। बाजार इस समय बहुत ही ज्यादा ओवरसोल्ड हो चुका है। इसलिए अब आपको तय करना है कि आपका अगला कदम क्या होगा।

तय मानिए कि कोई भी एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) भारत छोड़कर नहीं जा रहा। यहां चले जाएंगे, वहां चले जाएंगे। अरे, कहां चले जाएंगे? यह सब बहुत पुराना ड्रामा है। नौटंकी है। वे जितना यहां से कमा ले जा रहे हैं, उतना वो कहीं नहीं कमा सकते। उभरते बाजारों में जितनी मौज उनकी भारत में है, उतनी कहीं नहीं। दिक्कत यह है कि हमारे यहां टेलिविजन चैनलों के एंकर विश्लेषण के बजाय अपनी राय पेश करते हैं। ऐसा भारत में ही होता है और हम भारतीय इसको तवज्जो देते हैं, यह भी भारत में ही होता है।

मेरा मानना है कि बाजार अब ठीक बढ़ने के मुकाम पर पहुंच चुका है क्योंकि इसकी चर्बी पूरी तरह से छंट चुकी है। कल सेंसेक्स में 300 अंकों की और बढ़त दर्ज की जा सकती है। यह भी तय है कि अब 15 अप्रैल के बाद निफ्टी के 5600 तक पहुंचने की राह पूरी तरह खुल चुकी है।

हर किसी को दिन भर में इतनी सूचनाएं मिलती रहती हैं कि उसकी सहज बुद्धि भ्रमित हो जाती है, उसका सहज ज्ञान विलुप्त हो जाता है।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं पड़ना चाहता। इसलिए अनाम है। वह अंदर की बातें आपके सामने रखता है। लेकिन उसमें बड़बोलापन हो सकता है। आपके निवेश फैसलों के लिए अर्थकाम किसी भी हाल में जिम्मेदार नहीं होगा। यह मूलतः सीएनआई रिसर्च का कॉलम है, जिसे हम यहां आपकी शिक्षा के लिए पेश कर रहे हैं)

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