चमक है ग्लेनमार्क की, पड़ेगी फीकी

सीधी रेखा नहीं, लहरों की तरह चलते हैं शेयरों के भाव। 4 अक्टूबर 2010 को हमने पहली बार जब यूं ही चलते-चलते ग्लेनमार्क फार्मा का जिक्र छेड़ा था, तब यह 311.70 रुपए पर था। करीब दो महीने बाद 7 दिसंबर 2010 को 389.75 रुपए के शिखर पर चला गया। लेकिन करीब ढाई महीने बाद ही 28 फरवरी 2011 को 241.60 रुपए की घाटी में जा गिरा। अभी 16 मई 2011 को हमारे चक्री भाई ने जब इसे उठाया तो यह एकबारगी 11.54 फीसदी की शानदार बढ़त लेकर 305.85 रुपए पर बंद हुआ था। इसके बाद दो दिन पहले 26 जुलाई को 351.20 रुपए तक की गरमी खाने के बाद यह फिलहाल ठंडा हो रहा है।

ग्लेनमार्क फार्मा भारत के साथ ही दुनिया के करीब 65 देशों में अपनी दवाएं बेचती है। इनमें रूस व अमेरिका से लेकर लैटिन अमेरिका, अफ्रीका व यूरोप के देश शामिल है। कंपनी का शेयर कल, 28 जुलाई को बीएसई (कोड – 532296) में 330.80 रुपए और एनएसई (कोड – GLENMARK) में 334.25 रुपए पर बंद हुआ है। असल में कंपनी ने इसी हफ्ते मंगलवार को चालू वित्त वर्ष 2011-11 की पहली यानी जून तिमाही के नतीजे घोषित किए हैं। इनके मुताबिक उसकी समेकित आय 27.4 फीसदी बढ़कर 868.46 करोड़ रुपए हो गई है, जबकि स्टैंड-एलोन आय 32 फीसदी बढ़कर 327.09 करोड़ रुपए रही है।

इस दौरान जहां कंपनी का समेकित शुद्ध लाभ 210.11 करोड़ रुपए रहा है, वहीं स्टैंड-एलोन शुद्ध लाभ 72.47 करोड़ रुपए है। हम स्टैंड एलोन नतीजों को ही तवज्जो देते हैं। इनके आधार पर उसका परिचालन लाभ मार्जिन (ओपीएम) 33.44 फीसदी और शुद्ध लाभ मार्जिन (एनपीएम) के सम्मानजनक स्तर पर है। वित्त वर्ष 2010-11 में कंपनी का ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 7.86 रुपए था। जून तिमाही के नतीजों को मिला दें तो उसका ठीक पिछले बारह महीनों (टीटीएम) का ईपीएस 8.28 रुपए निकलता है। इस आधार पर उसका शेयर इस समय 39.95 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। हालांकि समेकित नतीजों को आधार बनाएं तो ईपीएस 18.96 रुपए और पी/ई अनुपात 18.1 का ही निकलता है जो रैनबैक्सी, सिप्ला, सन फार्मा व कैडिला जैसी कई कंपनियों की तुलना में इसे सस्ता साबित करता है।

हाल ही में ब्रोकर फर्म के आर चौकसी ने भी एक रिसर्च रिपोर्ट निकालकर इसमें निवेश की सलाह दी है। उसका कहना है कि कंपनी का समेकित ईपीएस 2012-13 में 20.3 रुपए रहेगा। उसकी गणना है कि यह शेयर साल भर में 412 रुपए पर जा सकता है। यानी, 12 महीनों में करीब 24 फीसदी का रिटर्न दे सकता है यह शेयर। लेकिन हमारा मानना है कि शायद कंपनी ने जून में जो चमक दिखाई है, उसे सितंबर तक और दिखा ले। उसके बाद यह चमक थोड़ी फीकी पड़ने लगेगी।

हालांकि, कंपनी यकीकन अच्छी व मजबूत है। उसमें लंबे का समय निवेश भी सुरक्षित है। वह नई-नई रिसर्च से अपनी दवाओं का दायरा भी बढ़ा रही है। लेकिन अभी भी चमक उसने खासतौर पर मार्केटिंग के दम पर हासिल की है जिसे हो सकता है कि आगे बरकरार न रखा जा सके तो शेयर गिरेगा और निवेशकों को दुख होगा। इस दुख से बचने से लिए फिलहाल इसमें निवेश से बचना चाहिए।

बाकी आज ज्यादा कुछ नहीं। आप खुद समझदार हैं। नहीं हैं तो बनने की कोशिश कीजिए। ग्लेनमार्क फार्मा की कुल इक्विटी 27.03 करोड़ रुपए है जो एक रुपए अंकित मूल्य के शेयरों में बंटी है। इसका 48.30 फीसदी हिस्सा प्रवर्तकों के पास और बाकी 51.70 फीसदी पब्लिक के पास है। पब्लिक के हिस्से में से एफआईआई के पास इसके 31.19 फीसदी और डीआईआई के पास 6.91 फीसदी शेयर हैं। उसके कुल शेयरधारकों की संख्या 67,853 है। इनमें से प्रवर्तकों से भिन्न छह बड़े निवेशकों के पास उसके 11.03 फीसदी शेयर हैं। इनमें श्रोडर इंटरनेशनल सेलेक्शन फंड (1.25 फीसदी), एचएसबीसी ग्लोबल इनवेस्टमेंट फंड – मॉरीशस (4.67 फीसदी), स्विस फाइनेंस कॉरपोरेशन – मॉरीशस (1.47 फीसदी) और जीआईसी (1.30 फीसदी) प्रमुख हैं।

1 Comment

  1. Anil ji bohot dino se JINDAL SOUTH WEST HOLDING me nivesh ke bare soch raha hu aur iske niche aane tak ka intezaar bhi kar raha tha aur 2-3din me jab ye niche aaya toh aise wajah se ke nivesh ke liye darr raha hu… JSW group ka naam Karnatak mining scam me aa chuka hai Lokayukt report ke karan… kripya mujhe kahe ke is girawat me mai isme thoda kharid karu ya nahi ya fir JSW STEEL me karu. Aapki jankari mere liye bohot mahatwa rakhti hai, umeed hai aap is company ke bare hum jaise chote nivesak ko batayenge. Aapka prasansak- Abhijeet Mitra.

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