दाग नहीं अच्छे कतई, मिटते ही नहीं

कभी-कभी अपनी निपट मूर्खता या भोलेपन में आप ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिनके दाग मिटते ही नहीं। आपको रह-रहकर कचोटते हैं। पलट-पलट कर सीना तान आपसे हिसाब मांगने पहुंच आते हैं। ऐसी अधिकांश गलतियां सहज विश्वास में आकर किसी पर अंधा भरोसा करके की जाती हैं। अर्थकाम के शुरुआती दौर में हम से भी कुछ ऐसी ही गलतियां हुई हैं। नए-नए जोश में हम पर ऐसे शेयरों को सामने लाने का जुनून सवार था, जो आपके धन को खटाखट कई गुना कर सकें और इसी बहाने हमारी साख भी बन सके।

हमें बाजार में ऐसे पैठे हुए लोगों की तलाश थी जो ‘अंदर की खबरें’ ला सकें। हमने इसी क्रम में सीएनआई रिसर्च का हाथ पकड़ा। चक्री की चमत्कारिक सलाहों पर आंख मूंदकर भरोसा करने लगे। खास-खास स्टॉक्स पर उनकी संस्तुतियों को सजाकर पेश करने लगे। लेकिन अब पता चला है कि भरोसा हमेशा प्रकाशित सूचनाओं पर करना चाहिए और बाजार के हर खिलाड़ी का कोई न कोई निहित स्वार्थ होता है। अंदर की बातों के चक्कर में पड़कर अक्सर गच्चा खाने की नौबत आ जाती है। यहां खासकर तीन शेयरों का उदाहरण देना चाहता हूं जिनमें निवेशकों की पूंजी स्वाहा हो चुकी है। नहीं पता, कब निकल पाएगी। निकल पाएगी भी या नहीं?

चक्री महोदय के सुझाए बहुत सारे स्टॉक्स में ये तीन खास स्टॉक्स हैं – सूर्यचक्र पावर, क्विंटेग्रा सोल्यूशंस और ब्रशमैन इंडिया। उन्होंने सूर्यचक्र पावर में निवेश की सलाह देते हुए कहा था कि जहां-तहां से भी जुटाकर धन लगा दीजिए। यह स्टॉक आपकी पेंशन का इंतजाम कर देगा। तब यह शेयर 22 से 24 रुपए पर चल रहा था। फिलहाल इस साल 23 फरवरी 2012 को 2.72 रुपए तक गिरने के बाद कल, 2 मार्च 2012 को 2.95 रुपए पर बंद हुआ है। बुढ़ापे का इंतजाम करने की बात छोड़िए, मूलधन तक पहुंचने के लिए इसे यहां से करीब 715 फीसदी बढ़ना होगा, जिसकी कोई संभावना नहीं नजर आती। कंपनी को दिसंबर 2011 की तिमाही में 39.25 करोड़ रुपए की आय पर महज 18 लाख रुपए का फायदा हुआ है।

क्विटेंग्रा सोल्यूशंस का भाव निवेश की सलाह दिए जाते वक्त 16-17 रुपए चल रहा था। 21 दिसंबर 2011 को 1.67 रुपए तक गिरने के बाद फिलहाल कल, 2 मार्च 2012 को 2.53 रुपए पर बंद हुआ है। दिसंबर 2011 की तिमाही में कंपनी ने 3.21 करोड़ रुपए की आय पर 4 करोड़ रुपए का घाटा उठाया है। सितंबर तिमाही में उसका घाटा 26.49 करोड़ रुपए और बीते वित्त वर्ष 2010-11 में 108.58 करोड़ रुपए था। निवेशकों का घाटा पूरा करने के लिए इस स्टॉक को यहां से 570 फीसदी बढ़ना होगा। क्या ऐसा संभव है?

तीसरे स्टॉक ब्रशमैन इंडिया के बारे में चक्री महोदय ने सितंबर 2010 में जब लिखा था, तब यह 9.50 रुपए के आसपास चल रहा था। कहा गया कि एशियन पेंट्स घाटे में चल रही इस कंपनी को खरीद सकती है और बारह महीनों में यह शेयर 100 रुपए तक जा सकता था। हालांकि उससे पांच महीने पहले 23 अप्रैल 2010 को हमने ब्रशमैन में लोचे की बात कही थी और आगाह किया था कि इसमें पूंजी डूब सकती है। लेकिन हम दोषी हैं कि इसके बावजूद हमने चक्री की सलाह को तवज्जो दी। जिन भी भोले-भाले निवेशकों ने हम पर भरोसा करके ब्रशमैन में निवेश किया होगा, वे आज रो रहे होंगे क्योंकि इसका शेयर गिरकर 1.92 रुपए पर आ चुका है। मूलधन की वापसी के लिए इसे यहां से 395 फीसदी बढ़ना होगा।

शिवालिक बाईमेटल्स, बालासोर एलॉयज, विंडसर मशींस और त्रिवेणी ग्लास जैसे तमाम नमूने और भी हैं, जहां चक्री की सलाह पूंजी को आधी से भी कम करने का चमत्कार दिखा चुकी है। नहीं समझ में आता कि नासमझी में दूसरों की करनी और अपनी मूर्खता के चलते अर्थकाम के दामन पर लगाया गया यह दाग कैसे धुलूं? फिलहाल मैंने इतना जरूर किया है कि अपनी गलती का अहसास होने के फौरन बाद मैंने चक्री या सीएनआई के सुझाए किसी भी स्टॉक को चर्चा-ए-खास में लेना बंद कर दिया है। दूसरा कदम मैं यह सोच रहा हूं कि चक्री का कॉलम सीधे सीएनआई से जोड़कर पेड कॉलम बना दिया जाए। इससे जोखिम उठानेवाले निवेशक ही वहां जाएंगे और मासूम लोग भ्रमित होने से बच जाएंगे।

प्रायश्चित का कोई और भी तरीका हो तो जरूर सुझाइएगा। यूं तो हमेशा हमने पहले ही दिन से डिस्क्लेमर लगाकर चक्री की सलाहें पेश की हैं। लेकिन सिगरेट और तंबाकू के पैक पर लगी वैधानिक चेतावनी तो महज खानापूरी है। लोगों को उससे नुकसान तो होता ही है। अंत में मित्रों, हम खुद से यही कह रहे हैं कि औरों के कहने पर खा गए गच्चा, लेकिन अब तो ठीक से संभल जाओ बच्चा! आपसे भी बस इतना कहना है कि सुनो सबकी, करो अपने मन की। निवेश आप वहीं करें, जहां आप अपने बुद्धि, विवेक और रिसर्च के दम पर पहुंचते हों। मेरे या किसी के कहे पर तब तक भरोसा न करें, जब तक खुद ठोंक बजाकर उसकी पुष्टि न कर लें। यह मैं नहीं, बल्कि सूर्यचक्र पावर में मुझे और मेरे कुछ अभिन्न मित्रों को लगा आघात बोल रहा है। और, ऐसी ही बातें गौतम बुद्ध 2300 साल पहले भी कह चुके हैं।

7 Comments

  1. sachai ko swikarne or sabke samne pes karne ke liye jigar chahiye.yahi manka pachayatap.apko nirmal banakar apko koi achhi si khoj ka khajana prapta karayegi.apki pesgiko mera salam.

  2. At last you came on right decision. Mr. K.P. Ostwal (Phalodi Dist : JODHPUR – Rajasthan) MD CNI research is totally failed advisor but he present himself one of the best advisor of Indian Stock Market. He off loaded his on holding in so many stock to say BUY RECOMANDATION. My one sincere suggestion is that you must have associate with a genuine big player of stock market so that you can guide to other properly. you may continue CHAKRY because it is a funny column and good to read only for that time when you want to laugh without reason.
    regards

  3. I completely second Mr.Narendra’s view. What you did through this article Anil Ji is really commendable. I have never ever seen any business channel taking the onus for the worng recommendations they have made. They are still continuing the shameful act and they still have loads of A&% following them.
    So its ok…you have to take risk in this market and live with the fact that its the most unpredictable arena for making money…
    …anyways you have to be proud of the fact that your successful recomendations surpass the failed ones…

    Last but not the least…do you still believe in Suryachakra Power??
    I bought 50K shares at 2.86 🙂

    Will wait for your comment…

    Its a pleasure to read you everyday…

    Regards,
    Shishir

  4. dear sir
    chamtkar chakri nahi wakri hai hamne bahut bar bharosa kiya tha nifty fut. ke barame pagal hoke bolte hai

  5. Dear Sir,
    As you know its market. Every time all things not happens as we aspect. There may be some failure in calculation by Mr. CHAKRY. No one is perfect in seeing every aspect of a Share or Company. There are always chances of mistakes.

    Mr. Chakry’s articles and end of day commentary at least show the correct market status, what is going in the market and trends of market. I like his fearless critics about market and stocks/company.

    Actually I feel his article is more reliable than other news channels or brokerage house. Something is better than nothing.

    As per your stand, I appreciate your guilt feeling. Don’t worry. Go ahead. I follow the guidelines of yours, and update my knowledge with every article of yours. Try to do best. Without falling no one leans run.

    Regards,
    Sharad

  6. SIR, AAPAKI SALAH SE KAI LOGON KO BAHUT PHAYADA BHEE HUA HAI AGAR THODA NUKASAN KISI KO HO BHEE GAYA TO AAP USKE LIYE BILKUL BHEE RESPONSIBLE NAHI HAINE. SHARE MARKET MAINE AAISA HOTA RAHATA HAI. ITS ONLY MY GREED WHICH IS RESPONSIBLE FOR MY LOSS YOU ARE SIMPLY PROVIDING INFORMATIONS NOT COMPELING US FOR DECISION. THEN HOW YOU ARE RESPONSIBLE? YOU AND YOUR TEAM INCLUDING CHAKRI DOING VERY GOOD JOB FOR SMALL INVESTORS LIKE ME, PL. CARRY ON. I AM APPRICIATING YOUR HARD WORK BY HEART.

  7. आप जानते ही होंगे कि द इकॉनॉमिस्ट अपने लेखकों का नाम नहीं बताता। और किसी बारबरा वूट्टन ने कहा था कि जब भी कोई छह अर्थशास्त्री इकट्ठा होते हैं, सात राय बनती हैं।

    आपने अपनी ग़लती स्वीकारी। बढ़िया किया।

    “दूसरा कदम मैं यह सोच रहा हूं कि चक्री का कॉलम सीधे सीएनआई से जोड़कर पेड कॉलम बना दिया जाए।” —आपकी ये बात समझ में नहीं आई। क्या आप चमत्कार चक्री के हिंदी अनुवादक हैं?

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