रेत में सिर डालकर शुतुरमुर्ग की तरह जीने व शिकार हो जाने का क्या फायदा! इस दुनिया में अनगिनत शक्तियां सक्रिय हैं। यहां ‘एक मैं और दूजा कोई नहीं’ की सोच नहीं चलती। यह सरासर गलत है।
2012-02-01
रेत में सिर डालकर शुतुरमुर्ग की तरह जीने व शिकार हो जाने का क्या फायदा! इस दुनिया में अनगिनत शक्तियां सक्रिय हैं। यहां ‘एक मैं और दूजा कोई नहीं’ की सोच नहीं चलती। यह सरासर गलत है।
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