एसबीआई ने भरा रिलायंस से ज्यादा एडवांस टैक्स

15 मार्च 2012, चालू वित्त वर्ष 2011-12 की अंतिम तिमाही में एडवांस टैक्स की आखिरी किश्त देने की आखिरी तारीख। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) तो कई दिन बाद पूरे आंकड़े जारी करता है। लेकिन देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से मिले शुरुआती संकेतों से पता चला है कि कॉरपोरेट क्षेत्र में ज्यादा टैक्स नहीं भरा है। जिन्होंने दिया है, उनमें बैंकिंग व बीमा कंपनियां सबसे आगे हैं।

देश के सबसे बड़े बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने चौथी तिमाही के लिए कुल 1650 करोड़ रुपए का अग्रिम कर जमा कराया है, जबकि साल भर पहले इसी अवधि में उसने 1500 करोड़ रुपए दिए थे। वहीं, देश की सबसे बड़ी निजी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने चौथी तिमाही में 1130 करोड़ रुपए का अग्रिम टैक्स भरा है, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह रकम 1054 करोड़ रुपए थी। हालांकि देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी, एलआईसी ने इस बार 930 करोड़ रुपए का टैक्स दिया है, जबकि बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में उसने 971 करोड़ रुपए का एडवांस टैक्स जमा कराया था।

प्रमुख कंपनियों में टीसीएस ने इस बार 550 करोड़ रुपए का एडवांस टैक्स दिया है, जबकि साल भर पहले की समान अवधि में उसने 200 करोड़ रुपए जमा कराए थे। टाटा मोटर्स ने इस बार केवल 50 करोड़ का टैक्स भरा है। बजाज ऑटो ने इस बार 290 करोड़ (पिछली बार 250 करोड़), अल्ट्राटेक सीमेंट ने 170 करोड़ (120 करोड़), अम्बुजा सीमेंट 250 करोड़ (170 करोड़ रुपए), एशियन पेंट्स 110 करोड़ (90 करोड़), हिंदुस्तान यूनिलीवर 175 करोड़ (140 करोड़) रुपए का एडवांस टैक्स भरा है।

ज्यादा एडवांस टैक्स देने से यह पता चलता है कि खास तिमाही में कंपनी का धंधा अच्छा रहा है। इसलिए बाजार के लोगों में हर तिमाही कंपनियों के एडवांस टैक्स के आंकड़ों को घोषणा से पहले ही पकड़ने की होड़ लगी रहती है। बहुत से लोग तो इन्हें धन देकर पहले ही खरीद लेते हैं ताकि माकूल स्टॉक्स पर दांव लगाया जा सके।

हाउसिंग फाइनेंस की सबसे बड़ी कंपनी एचडीएफसी ने इस बार 400 करोड़ रुपए का एडवांस टैक्स दिया है, जबकि साल भर पहले यह रकम 340 करोड़ रुपए थी। उसके द्वारा प्रवर्तित एचडीएफसी बैंक ने इस बार 600 करोड़ रुपए टैक्स भरा है, जबकि साल भर पहले यह रकम 550 करोड़ रुपए थी। आईसीआईसीआई बैंक निजी क्षेत्र में एचडीएफसी बैंक से बड़ा बैंक है। लेकिन इस तिमाही में उसने उससे कम 430 करोड़ रुपए का ही अग्रिम टैक्स भरा है। यह पिछले साल की समान अवधि में दिए गए 450 करोड़ रुपए के टैक्स से भी कम है। इससे पता चला है कि आईसीआईसीआई बैंक का धंधा फिलहाल मंदा चल रहा है।

बाकी बैंकों में यस बैंक ने 110 करोड़, बैंक ऑफ बड़ौदा ने 400 करोड़, सेंट्रल बैंक ने 100 करोड़, बैंक ऑफ इंडिया ने 400 करोड़ (पिछला 320 करोड़), देना बैंक ने 120 करोड़ (50 करोड़), स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने 420 करोड़ (200 करोड़), डॉयचे बैंक 300 करोड़ (170 करोड़), सिटी बैंक 500 करोड़ (450 करोड़) और एचएसबीसी ने पिछली बार के बराबर 450 करोड़ रुपए का एडंवास टैक्स भरा है।

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