साल 2010 में 5700 से 6160 तक। यह रहा है साल के शुरू से लेकर अंत का निफ्टी का सफर। निफ्टी एक मुकाम हासिल कर चुका है। अब स्टॉक्स भी जनवरी 2011 में ऐसा करेंगे। आप स्क्रीन देखते हैं, बिलखते हैं और अपना हौसला खो बैठते हैं। लेकिन हम कर भी क्या सकते हैं। यह भारतीय बाजार के सिस्टम की नाकामी है। दिसंबर के सेटलमेंट में जिन स्टॉक्स के भावों में गिरावट आई, वे कभी सुधर करऔरऔर भी

मैं दस साल के नजरिए से अर्थव्यवस्था और बाजार व कॉरपोरेट क्षेत्र की स्थिति को देखता हूं। इसलिए महसूस कर सकता हूं कि क्या हो रहा है। लेकिन निवेशक तो दस घंटे की बात भी नहीं देख पाते। इसलिए बाजार के खिलाड़ियों के हाथ में अपनी गरदन पकड़ा देते हैं। मैं भी एचएनआई (हाई नेटवर्थ इंडीविजुअल) निवेशकों को उनका पोर्टफोलियो बनाने-संभालने की सलाह देता हूं। लेकिन उन्हें नुकसान नहीं हुआ क्योंकि वे कभी भी कर्ज लेकर बाजारऔरऔर भी

रामको इंडस्ट्रीज बड़ी पुश्तैनी किस्म की कंपनी है। उसके संस्थापक चंदन का तिलक धारण करनेवाले पीएसी रामासामी राजा है। कंपनी ने अपना पहला एस्बेस्टस शीट प्लांट 1967 में तमिलनाडु के आराक्कोणम में लगाया। दूसरा शीट प्लांट करूर (कर्णाटक) में 1974 में और तीसरा प्लांट माक्सी (मध्य प्रदेश) में 1987 में लगाया। इससे पहले माक्सी में ही उसने 1983 में 5 मीटर लंबी और 80 मिमी से लेकर 1000 मिमी व्यास वाली एस्बेस्टस सीमेंट प्रेशर पाइप बनाने काऔरऔर भी

बाजार पिछले दिनों दीवाली पर 21,000 अंक तक ऊंचा जाने के बाद से खुद को जमा रहा है। लेकिन कोरिया में ब्याज दरों के बढ़ने और आयरलैंड सरकार के 69 अरब डॉलर के डिफॉल्ट ने रिटेल निवेशकों के बीच कुछ हद तक अनिश्चितता पैदा कर दी है। फिर, राष्ट्रमंडल खेलों के घोटाले, टेलिकॉम घोटाले और आदर्श घोटाले जैसे राजनीतिक मामलों के साथ ही एलआईसी को 14,000 करोड़ रुपए के नुकसान की खबर ने भी निवेशकों के दिमागऔरऔर भी

हमने अल-सुबह ही कह दिया था कि मुहूर्त ट्रेडिंग में बीएसई सेंसेक्स 21,000 अंक के ऊपर खुलने की उम्मीद है। बाजार हमारी उम्मीद पर खरा उतरा। सेंसेक्स 21,045.66 पर खुला। 21,108.64 तक ऊंचा गया। एक घंटे की मुहूर्त ट्रेडिंग के आखिरी मिनटों में नीचे में 20,961.98 तक चला गया। लेकिन बंद हुआ 21,004.96 के अंक पर। गुरुवार के बंद स्तर 20,893.57 से 111.39 अंक बढ़कर। इसी तरह निफ्टी भी 30.65 अंक बढ़कर 6312.45 अंक पर बंद हुआऔरऔर भी

मंत्रों की शक्ति मैं नहीं जानता। आवाहन नहीं जानता। वंदना भी नहीं जानता। लेकिन बताते हैं कि दीपावली के अवसर पर माता लक्ष्मी की विशिष्ट कृपा पाने के लिए इस मंत्र का जाप करते हैं तो आप सबकी तरफ से हम भी कहते हैं, “ऊँ महालक्ष्मये च विदमहे विष्णु पत्न्ये च धीमहि तन्नो लक्ष्मिः प्रचोदयात्। ऊँ शांतिः शांतिः शांतिः।” मैं तो मां लक्ष्मी से यही मांगता हूं कि वे अर्थकाम की टीम को इतना सक्षम व समर्थऔरऔर भी

ब्रांड क्या है और उसकी लॉयल्टी क्या है? यह है आपकी वो छवि जो आपसे माल या सेवा लेनेवालों के दिमाग में बनती है। छोटी-छोटी बातें इसे धीरे-धीरे बनाती हैं। ऊपर से तो इसकी कोई कीमत नहीं दिखती, लेकिन बाजार इस ‘अदृश्य’ ताकत को भी आंकता है। यह ताकत आ जाए तो कामयाबी आपसे ज्यादा दूर नहीं रहती है। हम भी धीरे-धीरे अपनी योग्यता और स्टॉक चुनने की क्षमता साबित करने की दिशा में सक्रिय हैं। अर्थकामऔरऔर भी

आलोचकों की कोई हद नहीं है। वे कुछ भी बक सकते हैं। निफ्टी 6100 के ऊपर चला गया। फिर भी बहुत से ‘पंडित’ मानते हैं कि हमारी खबरें, विश्लेषण और सूचनाएं यूं ही बस लम्तड़ानी हैं। लेकिन करें क्या। दुनिया तो इन आलोचकों की मुठ्ठी में नहीं है। वे भले ही इनकी कीमत न समझें, लेकिन लोगों के बीच इन्हें पसंद किया जाता है। हम तो अपने तमाम मतिअंध आलोचकों से निवेदन करते हैं कि वे ब्राउजिंगऔरऔर भी

इस समय छह से आठ ऑपरेटरों व एफआईआई के 1.25 करोड़ से ज्यादा निफ्टी के शॉर्ट सौदे फंसे पड़े हैं जो उन्होंने 5400 के स्तर के बाद से किए हैं। इन्हें वे काट ही नहीं पा रहे। काटने जाते हैं तो निफ्टी और बढ़ जाता है। यह स्थिति निफ्टी को नीचे नहीं आने दे रही। हर मंदड़िया भगवान से दुआ कर रहा है कि निफ्टी में कमजोरी आ जाए। लेकिन अभी तो तेजड़िए ही भगवान बने हुएऔरऔर भी

मुझे बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि मंदड़ियों ने पीछे भारी धक्का खाने के बावजूद अभी तक कोई सबक नहीं सीखा है। शॉर्ट सौदे करना उनका शौक बन गया है। टाटा स्टील में पैंट उतर जाने के बाद अब वे एसबीआई पर हाथ आजमा रहे हैं और उन्हें लगता है कि यह शॉर्ट सेल के लिए सबसे अच्छा काउंटर है। उनका साफ-साफ तर्क यह है कि एसबीआई का स्टॉक 2950 रुपए के भाव परऔरऔर भी