रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में आठवीं बार ब्याज दरें (रेपो व रिवर्स दर) बढ़ा दी हैं। इसका सीधा असर बैंकों द्वारा दिए जा रहे ऑटो, होम और कॉरपोरेट लोन पर पड़ेगा। लेकिन बैंक फिलहाल इस महीने ब्याज दरों में कोई नई वृद्धि नहीं करने जा रहे हैं। इंडियन ओवरसीज बैंक के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक (सीएमडी) एम नरेंद्र का कहना है कि रिजर्व बैंक द्वारा मौद्रिक नीति को कड़ा किए जाने का तत्काल कोई असरऔरऔर भी

खाद्य मुद्रास्फीति में लगातार दूसरे सप्ताह गिरावट दर्ज की गई है और 8 जनवरी को समाप्त सप्ताह के दौरान यह 15.52 फीसदी पर आ गई है। हालांकि सब्जियों विशेषकर प्याज के दाम अभी भी ऊंचे बने हुए हैं। गुरुवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार दाल, गेहूं व आलू के दाम में कमी की वजह से खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट दर्ज की गई है। इससे पहले 1 जनवरी को समाप्त सप्ताह में खाद्य मुद्रास्फीति 16.91 फीसदी थी,औरऔर भी

देश के सबसे बड़े बैक एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में मात्र 0.45 फीसदी बढ़ा है, जबकि ब्रोकर समुदाय 21.64 फीसदी वृद्धि की उम्मीद लगाए बैठा था। नतीजे बाजार बंद होने के बाद घोषित किए गए। इसलिए शेयर के भाव पर इसका असर नहीं देखा गया। एसबीआई का शेयर सोमवार को 3515 रुपए तक पहुंच गया, जो उसका 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर है। हालांकि बंद हुआ मुहूर्त केऔरऔर भी

रिजर्व बैंक से उधार लेना 0.25 फीसदी महंगा होने के एक दिन बाद ही बैंकों में लोगों से ज्यादा डिपॉजिट खींचने की होड़ शुरू हो गई है। पहल की है निजी क्षेत्र के दो बैंकों ने। एचडीएफसी बैंक ने 30 जुलाई से अलग-अलग अवधि की एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) पर ब्याज की दर 0.25 फीसदी से लेकर 0.75 फीसदी तक बढ़ा दी हैं। वहीं दक्षिण भारत में सक्रिय अपेक्षाकृत छोटे, पर तेजी से उभरते लक्ष्मी विलास बैंक नेऔरऔर भी

एचडीएफसी बैंक ने बेस रेट के मामले में देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) को भी होड़ देने की ठान ली है। उसने अपना बेस रेट 7.25 फीसदी तय किया है, जबकि एसबीआई ने मंगलवार को घोषित किया था कि इस तिमाही के लिए वह अपना बेस रेट 7.50 फीसदी रखेगा। निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक आईसीआईसीआई बैंक ने भी अपना बेस रेट एसबीआई के बराबर 7.50 फीसदी रखा है। बेस रेट वहऔरऔर भी