शेयर बाज़ार कठिन दौर से गुजर रहा है। भारी अनिश्चितता है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम इसे और बढ़ा सकते हैं। शेयरों की चाल दिशाहीन है। मजबूत शेयर गिरने पर खरीदो तब भी गिर जाते हैं। ऐसे में ट्रेडिंग में कुछ दिन का विराम ज़रूरी हो गया। इसे देखते हुए सोमवार, 26 नवंबर से दस दिन की विपश्यना साधना पर जा रहा हूं। इसलिए अगला कॉलम सोमवार, 10 दिसंबर को आएगा। कल 25 नवंबर के बादऔरऔर भी

हर दिन हमारे अपने शेयर बाज़ार मं डेढ़ से दो लाख करोड़ रुपए इधर से उधर होते हैं। ब्रोकर समुदाय तो इस पर 0.1% का कमीशन भी पकड़ें तो हर दिन मजे से 200 करोड़ रुपए बना लेता है। लेकिन हमारे जैसे लाखों लोग ‘जल बिच मीन पियासी’  की हालत में पड़े रहते हैं। बूंद-बूंद को तरसते हैं। सामने विशाल जल-प्रपात। लेकिन हाथ बढ़ाकर पानी की दो-चार बूंद भी नहीं खींच पाते। पास जाएं तो जल-प्रपात झागऔरऔर भी

।।विष्णु नागर।। जिसे आज हम ज्योतिष के रूप में जानते हैं उसका महत्व नहीं होता, अगर हर मनुष्य में अपना भविष्य जानने की एक दबी हुई इच्छा हमेशा से नहीं रही होती। हालांकि विज्ञान की सारी प्रगति के बावजूद आज भी किसी व्यक्ति का भविष्य जानना मुश्किल ही नहीं, असंभव है। यह इसलिए असंभव है कि व्यक्ति का भविष्य न तो पूरी तरह विज्ञान के नियम तय करते हैं, न पूरी तरह सामाजिक-राजनीतिक, आर्थिक स्थितियां और नऔरऔर भी

कल क्या हुआ, यह हम सभी जानते हैं। लेकिन कल क्या होगा, यह कोई नहीं जानता। कल अच्छा भी हो सकता है, सामान्य भी और बुरा भी। एक अकेले व्यक्ति का इस पर कोई वश नहीं। हां, सामूहिक रूप से जरूर इसे कुछ हद तक बांधा जा सकता है।और भीऔर भी

समय और अनिश्चितता, दो ऐसी चीजें हैं जिनसे हर इंसान का साबका सड़क पार करने से लेकर भावी योजना और निवेश तक के तमाम छोटे-बड़े फैसलों तक में पड़ता है। जिस किसी ने भी इन्हें साध लिया, उसकी ज़िंदगी आसान हो जाती है।और भीऔर भी

जिंदगी में अनिश्चितता है तो बदलाव भी शाश्वत है। फिर भी हम निरंतर निश्चितता व स्थायित्व की तलाश में लगे रहते हैं। हमारी चाहत व हकीकत के बीच संघर्ष निरंतर चलता है। तभी एक दिन हम निश्चित मृत्यु तक पहुंचकर मिट जाते हैं।और भीऔर भी

निष्काम भाव से कर्म दो ही तरह के लोग कर सकते हैं। एक, जिनका वर्तमान व भविष्य दोनों सुरक्षित हो और दो, जिनका वर्तमान व भविष्य इतना असुरक्षित हो कि उनके पास कोई चारा ही न बचा हो।और भीऔर भी

टेक्निकल एनालिसिस व चार्ट वाले इस समय खुश तो बहुत होंगे क्योंकि वे लंबे अरसे से निफ्टी के 4800 से नीचे जाने की भविष्यवाणी किए पड़े थे और ऐसा हो चुका है। अब इसके 4500 ही नहीं, 4200 तक गिरने की बात कही जा रही है। इधर आप में कुछ लोगों ने हिंदी में टेक्निकल एनालिसिस सिखाना शुरू करने की सलाह दी है। लेकिन टेक्निकल एनालिसिस क्या कोई विज्ञान है, विज्ञान व आस्था का मिलेजुले रूप ज्योतिषऔरऔर भी

बाजार अब सीधे मंगलवार को खुलेगा। अनिश्चितता का आलम है। ट्रेडरों ने ज्यादातर सौदे शुक्रवार को ही काट लिये क्योंकि उन्हें डर है कि मंगलवार को जब बाजार खुलेगा, तब तक अमेरिका व यूरोप के संकट का कोई नया पेंच न सामने आ जाए। सब कुछ शॉर्ट टर्म हो गया है। खबरों पर बाजार और अलग-अलग स्टॉक्स की गति निर्भर है। लेकिन शेयर बाजार सबसे बड़ा पेंच यह है कि अक्सर खबर के सार्वजनिक होने तक उसका असरऔरऔर भी

हम लाख जतन कर लें, भरपूर तैयारी कर लें, फिर भी अनिश्चितता व अनहोनी की गुंजाइश बनी रहती है। यह कमजोरी नहीं, हमारी सीमा है। इसलिए अनहोनी से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।और भीऔर भी