हर लिस्टेड कंपनी की वेबसाइट एकदम चौकस और अपडेट होनी चाहिए। नए वित्त वर्ष 2011-12 के पहले दिन यानी 1 अप्रैल 2011 से पूंजी बाजार नियामक संस्था ने इसे अनिवार्य नियम बना दिया है। इसके लिए बाकायदा लिस्टिंग समझौते में संशोधन किया गया है। हालांकि अभी तक स्थिति यह है कि बहुत सारी कंपनियों ने कई सालों से अपनी वेबसाइट पर दी गई सूचनाओं को अद्यतन नहीं किया है। इससे निवेशकों को कंपनी के बारे में सहीऔरऔर भी