बजट का शोर थम चुका है। विदेशी निवेशकों को जो सफाई वित्त मंत्री से चाहिए थी, वे उसे पा चुके हैं। अब शांत हैं। निश्चिंत हैं। बाकी, अर्थशास्त्रियों का ढोल-मजीरा तो बजता ही रहेगा। वे संदेह करते रहेंगे और चालू खाते का घाटा, राजकोषीय घाटा, सब्सिडी, सरकार की उधारी, ब्याज दर, मुद्रास्फीति जैसे शब्दों को बार-बार फेटते रहेंगे। उनकी खास परेशानी यह है कि धीमे आर्थिक विकास के दौर में वित्त मंत्री जीडीपी के आंकड़े को 13.4औरऔर भी

इस महीने की शुरुआत से इंडिया बुल्स समूह की लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में बढ़त का रुख अब डीएलएफ की राह पकड़ सकता है क्योंकि भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के नेता अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को हुई प्रेस क्रांफेंस में सोनिया गांधी परिवार के भ्रष्टाचार के सिलसिले में इंडिया बुल्स का भी नाम ले लिया। उन्होंने तमाम टीवी चैनलों से यह बात जरूर टिकर के रूप में चलाने का आग्रह किया और कहा कि वे इस बारे मेंऔरऔर भी

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के खत्म होते ही टीम अण्णा ने कांग्रेस के खिलाफ फिर आक्रामक रुख अपना लिया है। टीम के प्रमुख सदस्य अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस से मांग की है कि वह चुनावी खर्चों का ब्यौरा सार्वजनिक करे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस साफ करे कि हेलिकॉप्टरों और चुनावी रैलियों पर कितना ख़र्च हुआ है और यह जानकारी कांग्रेस अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध कराए। असल में कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश के प्रभारी दिग्विजय सिंह नेऔरऔर भी

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक फैसले में कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत शिकायत दर्ज कराना देश के हर नागरिक का संवैधानिक अधिकार है और सरकार को ज्यादा से ज्यादा चार महीने के भीतर किसी लोकसेवक (मंत्री या अफसर) के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को दरकिनार करते हुए कहा कि कोर्ट ने कहा किऔरऔर भी

टीम अण्णा अपनी राजनीतिक प्रासंगिकता व धार को बचाए रखने की मशक्कत में जुट गई है। मुंबई में अण्णा हज़ारे के अनशन को बीच में तोड़ने और जेल भरो आंदोलन को रद्द करने के फैसले के बाद पहली बार सोमवार को टीम अण्णा की बैठक हुई। अपने गांव रालेगण सिद्धि में स्वास्थ्य लाभ कर रहे अण्णा बैठक में शमिल नहीं हो सके। लेकिन अरविंद केजरीवाल, प्रशांत भूषण और किरण बेदी समेत टीम के अन्य सदस्यों ने गाजियाबादऔरऔर भी

टीम अण्णा ने वह बात कह डाली जो अभी तक विपक्ष भी इतना खुलकर कहने में हिचकता रहा है। फिर. विपक्ष की विश्वनीयता इतनी कम है कि उसके कहे को राजनीतिक बयानबाजी मानकर कोई तवज्जो नहीं देता। लेकिन टीम अण्णा की बात को देश काफी गंभीरता से ले रहा है और कांग्रेस के तमाम नेताओं से लेकर लालू यादव जैसे विदूषक नेताओं के हमलों के बावजूद आम आदमी को अण्णा हज़ारे और उनके साथ चल रहे सामाजिक-राजनीतिकऔरऔर भी

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह उधर फ्रांस के कान शहर में हो रहे जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन में मशगूल हैं। इधर यूपीए सरकार के हमलों से आहत सामाजिक कार्यकर्ता और टीम अण्णा के प्रमुख सदस्य अरविंद केजरीवाल ने उन्हें एक करारा खत लिखा है। इस खत के साथ उन्होंने सरकार की तरफ से दावा किए गए 9 लाख 27 हज़ार 787 रुपए का चेक भी भेज दिया है। लेकिन कहा है कि उन्हें अभी तक अपनी गलती नहींऔरऔर भी

अभी तक केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) जैसी संस्थाएं ही खुद को लोकपाल के अधीन लाए जाने का विरोध कर रही थी। लेकिन अब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी साफ कर दिया है कि लोकपाल का गठन हो जाने के बाद भी सीबीआई स्वतंत्र रूप से काम करती रहेगी। प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में सीबीआई और राज्यों के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के 18वें द्विवार्षिक सम्मेलन में कहा, “हमें आशा है किऔरऔर भी

टीम अण्णा देश में जन आंदोलन की नई तैयारी में जुट गई है। इस सिलसिले में अण्णा हज़ारे के गांव रालेगण सिद्धि में उनका दो दिन का जमावड़ा शनिवार से शुरू हो गया। पहले दिन की बैठक में तय हुआ है कि भूमि अधिग्रहण, चुनाव सुधार, जन प्रतिनिधियों को वापस बुलाने और उन्हें खारिज करने के अधिकार समेत सांसदों के प्रदर्शन का लेखा-जोखा कराने के संबंध में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखेंगे। भूमि अधिग्रहण जैसे संवेदनशीलऔरऔर भी

सरकार आखिरकार अण्णा हज़ारे के नेतृत्व में चल रहे भ्रष्टाचार विरोधी जन आंदोलन के आगे झुक गई लगती है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की चिट्ठी के बाद टीम अण्णा के साथ सरकार की बातचीत की राह खुल गई। लेकिन सरकार यहां भी अपनी चालाकी से बाज नहीं आई है। वह जन लोकपाल विधेयक को भी संसद की स्थाई समिति को सौपने को तैयार है। लेकिन स्थाई समिति के लिए अन्य तमाम सुझावों की तरह यह भी एक सुझावऔरऔर भी