भोर से पहले आंख बंदकर सोचते रहते हैं तो हर तरफ अंधेरा ही अंधेरा नज़र आता है। आंखें खोलकर देखते हैं तो इस बीच हर तरफ उजाला आ चुका होता है। लेकिन प्रकृति का यह नियम क्या समाज पर भी लागू होता है?और भीऔर भी

कौन है जो आंखों के होते हुए भी देख नहीं पाता? वो कौन है जो कानों के रहते हुए भी सुन नहीं पाता? वो कौन है जो जुबान रहते हुए भी बोल नहीं पाता? अंदर के कृष्ण से पूछो कि अर्जुन ऐसा अशक्त क्यों है?और भीऔर भी

नित नए-नए प्रेक्षण से पुरानी धारणाएं बदलती ही नहीं, परिष्कृत होती चलती हैं। लेकिन जिसने आंख, कान, नाक बंदकर प्रेक्षण करना ही बंद कर दिया है, वे तो ताज़िंदगी गांधी के तीन बंदर ही बने रहेंगे।और भीऔर भी

शेयर बाजार से नोट कमाना तालाब से मछली पकड़ने जैसा काम नहीं है कि बंशी डालकर बैठ गए और फिर किसी मछली के फंसने का इंतज़ार करने लगे। शेयर बाजार में किस्मत का खेला भी कतई नहीं चलता। यहां से तो कमाने के लिए पौधे लगाकर फल-फूल पाने का धैर्य चाहिए। घात लगाकर सही मौके को पकड़ने की शेरनी जैसी फुर्ती चाहिए। और, सही मौके की शिनाख्त के जरूरी है सही जानकारी। फिर सही जानकारी से सारऔरऔर भी

बाजार पलटकर उठा। सुबह-सुबह सेंसेक्स 18,672.65 और निफ्टी 5604.95 तक चला गया। निफ्टी का यूं 5600 के स्तर को पार करना बड़ी बात थी। लेकिन दोपहर बारह बजे के बाद बाजार अपनी बढ़त को बनाए नहीं रख। माना जा रहा था कि निफ्टी के 5580 के ऊपर पहुंचते ही टेक्निकल एनालिस्ट और बाजार के पंटर भाई लोग लांग होने या खरीद की भंगिमा अपनाने जा रहे हैं। लेकिन शर्त यही है कि निफ्टी को इससे ऊपर बंदऔरऔर भी

बाजार इस समय एकदम दुरुस्त चल रहा है और जो भी छोटी-मोटी समस्या है, वह किसी और चीज की वजह से नहीं, बल्कि रोलओवर के चलते पैदा हुई है। बाजार के यह हफ्ता काफी अहम है। रेल बजट और आर्थिक समीक्षा पर इसी हफ्ते आनी है। हमें इन पर कायदे से गौर करने की जरूरत है। 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच जेपीसी से कराने का मसला तो सुलझ ही चुका है। इसलिए संसद का गतिरोध खत्म हुआऔरऔर भी