इंडसइंड बैंक, लगता है जैसे सीधे सिंधु घाटी सभ्यता से निकला चला आ रहा हो। ऊपर से हिंदुजा समूह से वास्ता। 1994 में शुरुआत हुई अनिवासी भारतीयों से जुटाई गई 100 करोड़ रुपए की पूंजी के साथ, जिसमें से 60 करोड़ रुपए प्राइवेट प्लेसमेंट और बाकी 40 करोड़ रुपए सीधे सहयोग से आए। बैंक लगातार बढ़ रहा है। बड़े ग्राहकों के चुनिंदा समूहों को पकड़ने की उसकी रणनीति है। मसलन, देश के दोनों प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों बीएसईऔरऔर भी

इक्कीस साल एक महीने पहले सितंबर 1990 से देश में बैंकों की ब्याज दरों को बाजार शक्तियों या आपसी होड़ के हवाले छोड़ देने का जो सिलसिला हुआ था, वह शुक्रवार 25 अक्टूबर 2011 को रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति की दूसरी तिमाही समीक्षा के साथ पूरा हो गया। रिजर्व बैंक के गवर्नर दुव्वरि सुब्बाराव ने ऐलान किया, “अब वक्त आ गया है कि आगे बढ़कर रुपए में ब्याज दर को विनियंत्रित करने की प्रकिया पूरी करऔरऔर भी