संवेदनाशून्यता और बेशर्मी की हद है ये बाजार। कॉरपोरेट प्रॉफिट उन जांबाज लुटेरों की लूट की तरह है जो यूरोप के देशों से जहाजों में निकल कर शेष महाद्वीपों से लाया करते थे। आज तकनीक के आविष्कार ने उस लूट को जरा सभ्यता का जामा पहना दिया है। तलवार और तोप के स्थान पर कागज और कैल्क्यूलेटर या लैपटॉप आ गए हैं। दुनिया भर की आर्थिक विषमता इस बात का सबूत है। इधर जुही चावला का कुरकुरे का एक विज्ञापनऔरऔर भी