बाजार बंद होते-होते साफ हो चुका था कि इंडोनेशिया में रिक्टर पैमाने पर 8.7 तीव्रता के भूकंप से भारत में किसी सुनामी का खतरा नहीं है। यह भी साफ होने लगा था कि इंडोनेशिया के जिस इलाके में भूकंप आया है, वहां से वो इलाका काफी दूर और अप्रभावित है, जहां से भारत की तमाम कंपनियां कोयला आयात करती हैं। लेकिन माहौल में डर छा चुका था और कोयला आयात करनेवाली तमाम भारतीय कंपनियों के शेयर गिरनेऔरऔर भी

विश्व अर्थव्यवस्था में एशिया की स्थिति 16वीं व 17वीं सदी जैसी होने जा रही है। तब विश्व अर्थव्यवस्था में एशिया का योगदान 60 फीसदी के आसपास था। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने अब भारत, चीन और जापान के बीच आर्थिक सहयोग में मजबूती की उम्मीद करते हुए अनुमान जताया है कि वर्ष 2050 तक दुनिया के जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में एशिया का योगदान 50 फीसदी से अधिक हो जाएगा। एडीबी ने कहा कि बेहतर परिदृश्य मेंऔरऔर भी

जापान में 8.9 तीव्रता के भूकंप और सुनामी के बाद दुनिया भर के समुद्रतटीय इलाकों में सुनामी का खतरा मंडराने लगा है। लेकिन इससे न तो भारत को कोई खतरा है और न ही इससे भारतीय शेयर पर नकारात्मक असर पड़ने वाला है। फिलहाल जापान के पूरे प्रशांत महासागर के तट के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की है। गुआम, ताइवान, फिलीपींस, इंडोनेशिया और अमेरिकी राज्य हवाई को सुनामी पर नजर रखने को कहा गया है। इंडोनेशिया,औरऔर भी

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी सेल (स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड) इंडोनेशिया के सेन्ट्रल कालिमंतम क्षेत्र में 30 लाख टन क्षमता का संयंत्र स्थापित करने में 15,000 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। कंपनी से जुड़े एक सू़त्र ने बताया, ‘‘सेल ने इंडोनेशिया के सेंट्रल कालिमंतम क्षेत्र में 30 लाख टन सालाना क्षमता का संयंत्र लगाने की योजना बनाई है। इसके अलावा यहां पर कंपनी खनिज प्रसंस्करण फैक्टरी भी लगाना चाहती है।’’ उसने बताया कि इस संयंत्र की स्थापनाऔरऔर भी

बाजार डांवाडोल है। कभी इधर तो कभी उधर भाग रहा है। यह 2008 में लेहमान के संकट के बाद की स्थिति का दोहराव है। उस वक्त भी सारे पंटर और बाजार के पुरोधा कह रहे थे कि सेंसेक्स 6000 तक चला जाएगा। अक्सर लोगबाग टीवी स्क्रीम पर आ रही कयासबाजी देखते हैं और मान बैठते हैं कि जैसा कहा जा रहा है, वैसा ही होगा। लेकिन वे एनालिस्टों की चालाकी पर गौर नहीं करते हैं जो कहतेऔरऔर भी