भारत में भले ही अब भी एस्बेस्टस का इस्तेमाल घरों से लेकर कारखानों तक में धड़ल्ले से हो रहा हो, लेकिन दुनिया में इसे मानव स्वास्थ्य व पर्यावरण के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है। इतना कि इटली में एस्बेस्टस का कारोबार करनेवाले दो लोगों को अदालत ने 16 साल कैद की सजा सुनाई है। यह पर्यावरण संबंधी मामले में अपनी तरह की पहली सजा है। यह मामला 1986 का है। अदालत ने सोमवार को सुनाए गएऔरऔर भी

जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल  ने कहा है कि ग्रीस को तब तक नई सहायता नहीं दी जा सकती, जब तक वो पिछली सहायता के इस्तेमाल में वाजिब प्रगति नहीं दिखाता। सोमवार को फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सारकोजी के साथ बैठक के बाद बर्लिन में आयोजित एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में मैर्केल ने यह बात कही। उन्होंने बताया कि कल, मंगलवार को वे ग्रीस के संकट पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रमुख क्रिस्टीन लैगार्ड से बातचीत करनेवालीऔरऔर भी

फ्रांस और जर्मनी ने तय किया है कि कर्ज संकट से निबटने में यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) की भूमिका पर वे खुली बहस नहीं करेंगे। यूरोपीय केंद्रीय बैंक की भूमिका को लेकर यूरो क्षेत्र के दोनों देशों में गंभीर मतभेद रहे हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति निकोला सारकोजी और जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने इटली के नए प्रधानमंत्री मारियो मोंटी के साथ बातचीत के बाद कहा कि उन्हें स्वतंत्र केंद्रीय बैंक पर भरोसा है और यूरोपीय संघ कीऔरऔर भी

यूरोप के दो संकटग्रस्त देशों में हुए नए घटनाक्रम ने दुनिया के बाजारों में नया उत्साह भर दिया है। जहां ग्रीस में शुक्रवार को लुकास पापाडेमॉस ने अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ले ली, वहीं इटली में संसद के ऊपरी सदन सीनेट ने लंबे समय से अधर में लटके आर्थिक सुधार पैकेज को मंज़ूरी दे दी। पापाडेमॉस के नेतृत्व में ग्रीस की नई अंतरिम गठबंधन सरकार यूरोपीय देशों की ओर ग्रीस को मिलने वाली आर्थिक मददऔरऔर भी

यूरोप में संकट में फंसी सरकारों के ऋण का बड़ा हिस्सा ऐसे लोगों या संस्थाओं ने दे रखा है, जो विदेशी हैं और उस देश में नहीं रहते। विदेशियों द्वारा दिए गए कर्ज का हिस्सा इटली सरकार के कुल ऋण में 44.4%, ग्रीस के ऋण में 57.4% व पुर्तगाल सरकार के ऋण में 60.5% है। इसमें यूरोपीय सेंट्रल बैंक का दिया ऋण शामिल नहीं हैं। यहां तक कि फ्रांस की सरकार के ऋण का भी 62.5% हिस्साऔरऔर भी

इटली के प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी ने इस्तीफा देने का फैसला कर दिया है। लेकिन इसके बाद इटली में लंबी राजनीतिक अनिश्चितता देखने को मिल सकती है। बर्लुस्कोनी की पार्टी चुनाव कराना चाहती है, वहीं विपक्ष राष्ट्रीय एकता की सरकार चाहता है। निचले सदन में हुए मतदान के दौरान बहुमत पाने में नाकाम रहे बर्लुस्कोनी ने कहा कि वह संसद में बजट सुधार पास होने के बाद अपना पद छोड़ देंगे। यूरोपीय साझीदारों ने इटली से इन सुधारोंऔरऔर भी

दुनिया की प्रमुख क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने जापान के सरकार ऋणों की रेटिंग घटा दी है। उसने इसे एक पायदान नीचे खिसका कर Aa3 कर दिया है। अभी तक यह Aa2 थी। एजेंसी ने कहा कि 2009 की मंदी के बाद से ही जापान का ऋण बढ़ता जा रहा है और वहां राजनीतिक नेतृत्व बहुत तेजी से बदल रहा है जिससे कारगर आर्थिक रणनीति नहीं अपनाई जा पा रही है। बता दें कि जापान में पांचऔरऔर भी

दुनिया के बाजारों की पस्ती हमारे बाजार में भी पस्ती का सबब बन गई। इटली में बांडों मूल्यों का अचानक गिर जाना और ऑस्ट्रेलिया में कोयला खनन पर टैक्स लगाने जैसी बातों ने माहौल को और बिगाड़ दिया। फिर भी भारतीय बाजार अपेक्षाकृत संभले रहे। मिड-कैप स्टॉक्स में देशी-विदेशी फंडों की खरीद जारी है। एप्टेक, एलएमएल, एसीसी और टाटा मोटर्स के नॉन वोटिंग शेयरों वगैरह को तवज्जो मिल रही है। निफ्टी गिरा जरूर, लेकिन 5600 के नीचेऔरऔर भी

गुवाहाटी के आर्कबिशप थॉमस मेनाम परामपिल को पूर्वोत्तर के जातीय समुदायों में शांति लाने के प्रयास को मान्यता देते हुए प्रतिष्ठित नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है। आर्कबिशप का नाम इटली की लोकप्रिय पत्रिका ‘इल बोलेतिनो सालेसिआनो’ ने नामांकित किया है। पत्रिका ने जून महीने के अंक में मेनाम परामपिल पर चार पन्ने की स्टोरी प्रकाशित की है। उसने इसका शीषर्क दिया है – ए बिशप फॉर नोबेल प्राइज। उधर खुद मेनाम परामपिल काऔरऔर भी

दक्षिण कोरिया वर्ष 2050 तक सबसे ज्यादा बुजुर्गों वाला देश बन सकता है, जिसका वहां की अर्थव्यवस्था पर विपरीत असर पड़ सकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2050 में दक्षिण कोरिया में 38.2 फीसदी नागरिक 65 वर्ष से अधिक उम्र के होंगे। बुजुर्गों का यह अनुपात दुनिया में सबसे ज्यादा होगा। दक्षिण कोरिया में स्वास्थ्य क्षेत्र में खर्च बढ़ने के साथ ही औसत आयु 83.5 वर्ष हो जाएगी। इस समय जर्मनी, इटली व जापान की जनसंख्याऔरऔर भी