पहले दुनिया सिमटी हुई थी। इर्दगिर्द खास कुछ नहीं बदलता था तो लोग सुबह-सुबह नहा-धोकर एकाध घंटे पूजापाठ करते थे। अपने अंदर झांकते थे। अब दुनिया बढ़ते-बढ़ते ग्लोबल हो गई है तो एकाध घंटे अखबारों के जरिए बाहर झांकना जरूरी हो गया है।और भीऔर भी

यूं तो प्रतिभा और सत्ता में कोई सीधा रिश्ता नहीं। लेकिन अगर आप प्रतिभाहीन है तो सत्ता से इसकी भरपाई कर सकते हैं। सत्ता मिलते ही आपके इर्दगिर्द इतने दुम हिलानेवाले जुट जाएंगे कि आपको कभी भान ही नहीं होगा कि आप में प्रतिभा नहीं है।और भीऔर भी

हमें अपने इर्दगिर्द हमेशा ऐसे लोगों की जरूरत होती है जो हमारी आंखों में आंखें डालकर सच बोल सकें। खासकर तब, जब हमारे दिन खराब चल रहे हों और हम बार-बार अपने लक्ष्य से चूक रहे हों।और भीऔर भी