सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को बड़ी राहत दे दी। कोर्ट ने निजी चीनी मिल मालिकों को तीन महीने के भीतर गन्ना किसानों का सारा बकाया चुकाने का निर्देश दिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए निजी मिल मालिकों को पेराई सत्र 2008-09 और 2010-11 के किसानों के सारे बकाये का भुगतान तीन महीने के भीतर कर देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने मिल मालिकों से किसानोंऔरऔर भी

मायावती ने बड़ा विचित्र-सा बयान दिया है कि उनकी हार के लिए कांग्रेस और बीजेपी जिम्मेदार हैं क्योंकि उनकी हरकतों ने मुसलमान तबके का 70 फीसदी वोट मुलायम की समाजवादी पार्टी की तरफ केंद्रित कर दिया। लेकिन हकीकत यह है कि इस बार महिलाओं का ज्यादा वोट देना असल में मायावती के लिए भारी पड़ा है। चुनाव आयोग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक इस बार उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में 60.29 फीसदी महिला मतदाताओं ने अपनेऔरऔर भी

किसी भी एक्जिट पोल ने ऐसा नहीं कहा था और न ही किसी राजनीतिक विश्लेषक ने ऐसा सोचा था कि उत्तर प्रदेश की 403 सीटों वाली विधानसभा में मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी को 224 सीटों का जबरदस्त बहुमत मिल जाएगा। मुलायम तो राजनीतिक अखाड़े के पुराने पहलवान हैं और अब तक चुनावी वादों के प्रति एकदम संवेदनहीन हो चुके होंगे। लेकिन सपा के राज्य अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि वे चुनाव प्रचार केऔरऔर भी

देश की राजनीति की दशा-दिशा तय करनेवाले राज्य उत्तर प्रदेश की 16वीं विधानसभा के चुनाव नतीजे मंगलवार को दोपहर तक साफ हो जाएंगे। लेकिन इससे पहले ही सत्ता के सबसे प्रबल दावेदार दल, समाजवादी पार्टी (सपा) में बाप-बेटे का शीतयुद्ध खुलकर सामने आ गया है। हालांकि पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष और मुलायम के बड़े बेटे अखिलेश यादव ने कहा है कि पार्टी प्रमुख या उनके पिता मुलायम सिंह यादव ही राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे।औरऔर भी

माना जाता है कि किसानों को सरकार मुफ्त में बिजली देती है। लेकिन योजना आयोग की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक पिछले तीन सालों में बिजली की दरें सबसे ज्यादा कृषि व सिंचाई में और सबसे कम व्यावसायिक व औद्योगिक क्षेत्र में बढ़ाई गई हैं। यही नहीं, पिछले पांच सालों में कई राज्यों में खेतिहर ग्राहकों के लिए बिजली की दरें दोगुनी से ज्यादा हो चुकी हैं। किसानों के लिए सबसे ज्यादा महंगी बिजली पंजाब में हुईऔरऔर भी

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों का पहला दौर 55 सीटों पर मतदान के साथ खत्म हो चुका है। ग्रामीण इलाकों में औसतन 65 फीसदी और शहरी इलाकों में 55 फीसदी का रिकॉर्ड मतदान हुआ है। अभी छह और दौर के मतदान होने हैं। लेकिन पहले दौर में मतदाताओं के मूड से ऐसा आभास मिल रहा है कि प्रदेश में मुलायम सिंह की समाजवादी पार्टी सत्ता में आने जा रही है। 403 में से 202 के बहुमत मेंऔरऔर भी

चीनी देश का इकलौता उद्योग है जहां बीस साल पहले उठी उदारीकरण की बयार अभी तक नहीं पहुंची है। कच्चे माल, गन्ने की कीमत सरकार तय करती है। केंद्र ही नहीं, राज्य सरकारों तक का इसमें दखल रहता है। फिर अंतिम उत्पाद, चीनी का एक हिस्सा लेवी के बतौर सरकार खुद तय की गई कीमत पर ले लेती है। सरकार के इतने अंकुश के बावजूद हालात दुरुस्त नहीं हैं और किसानों व चीनी मिलों में ठनी रहतीऔरऔर भी

वर्ष 2011-12 की खरीफ फसल में 164 लाख टन से अधिक धान की खरीद की गई है। खाद्य मंत्रालय के अनुसार, 2 जनवरी 2012 तक विभिन्‍न सरकारी एजेंसियों द्वारा 164,84,195 टन धान की खरीद की जा चुकी है। इसमें पंजाब ने सबसे अधिक 76,60,745 टन धान की खरीदारी की जबकि छत्‍तीसगढ़ 21,25,475 टन धान की खरीद करके उससे बहुत नीचे दूसरे नंबर पर रहा। हरियाणा ने 19,66,167 और उत्‍तर प्रदेश ने 14,30,184 टन धान खरीदा।और भीऔर भी

एक तरफ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों की तारीख का इंतजार हो रहा है, दूसरी यूपीए सरकार आखिरी वक्त पर राजनीतिक दांव खेलने में लगी है। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को उत्‍तर प्रदेश की दो सिंचाई परियोजनाओं के लिए 3124 करोड़ रूपए का पैकेज घोषित कर दिया। केन्‍द्रीय जल संसाधन मंत्रालय ने उत्‍तर प्रदेश की दो सिंचाई परियोजनाओं को राष्‍ट्रीय परियोजना में शामिल करने का फैसला किया है। इसके तहत सरयू नहर परियोजना और शारदा सहायक परियोजना कीऔरऔर भी

उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ने का राज्य समर्थित मूल्य (एसएपी) 40 रूपए प्रति क्विंटल बढ़ा दिया है। मुख्यमंत्री मायावती की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया। अब सामान्य किस्म के गन्ने की बढ़ी कीमत 240 रुपए, अच्छे किस्म के गन्ने के लिए 250 रुपए और अन्य किस्म के गन्ने की कीमत 235 रुपए प्रति क्विंटल हो जाएगी। इस फैसले की घोषणा करते हुए खुद मुख्यमंत्री मायावती ने लखनऊ में बताया कि निजी चीनीऔरऔर भी