खाद्य, उर्वरक और पेट्रोलियम सब्सिडी के बोझ ने वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की रातों की नींद उड़ा दी है। वित्त मंत्री ने बुधवार को राजधानी दिल्ली में आयोजित राज्यों के कृषि व खाद्य मंत्रियों के सम्मेलन में खुद यह बात कही। दो दिन का यह सम्मेलन लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली और भंडारण के मुद्दे पर बुलाया गया है। प्रणब मुखर्जी ने कहा, ‘‘वित्त मंत्री के तौर पर जब मैं विभिन्न मदों में दी जाने वाली भारी सब्सिडीऔरऔर भी

रसोई गैस, केरोसिन और उर्वरक पर दी जानेवाली सब्सिडी तीन चरणों में सीधे लक्षित व्यक्ति के बैंक खाते में पहुंचा दी जाएगी। लेकिन इसमें सबसे बड़ा पेंच है कि सब्सिडी पानेवाले व्यक्ति के पास बैंक खाता तो हो। इसलिए लोगों तक सीधे सब्सिडी पहुंचाने के लिए वित्तीय समावेश कार्यक्रम को तेज करना अपरिहार्य है। यह बात कही है सारे देशवासियों को अलग पहचान देने के काम में लगी संस्था यूआईडीएआई (यूनीक आइडेंटीफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के प्रमुखऔरऔर भी

सोचिए, कभी ऐसा हो जाए कि आपके घर में और आसपास जो भी अच्छी चीजें हैं, जिनसे आपका रोज-ब-रोज का वास्ता पड़ता है, जिनकी गुणवत्ता से आप भलीभांति वाकिफ हैं, उन्हें बनानी वाली कंपनियों में आप शेयरधारक होते तो कैसा महूसस करते? कंपनी के बढ़ने का मतलब उसके धंधे व मुनाफे का बढ़ना होता है और मुनाफा तभी बढ़ता है जब ग्राहक या उपभोक्ता उसके उत्पाद व सेवाओं को पसंद करते हैं, उनका उपभोग करते हैं। आपकीऔरऔर भी

मानसून अच्छा है। समय पर है। इसलिए खेती-किसानी की हालत बेहतर रहेगी। बहुत साफ-सी बात है कि इसी के अनुरूप खाद व उर्वरक की मांग भी बढ़ेगी। इससे उर्वरक कंपनियों का धंधा चमकेगा। धंधा चमकेगा तो उनके शेयर भी चमकेंगे। लेकिन दिक्कत यह है कि उर्वरक कंपनियों में जब भी निवेश की बात आती है तो लोग आमतौर पर नागार्जुन फर्टिलाइजर्स और चंबल फर्टिलाइजर्स की ही चर्चा करते हैं। नागार्जुन फर्टिलाइजर्स के बारे में सालों-साल से चर्चाऔरऔर भी

बाजार पलटकर उठा। सुबह-सुबह सेंसेक्स 18,672.65 और निफ्टी 5604.95 तक चला गया। निफ्टी का यूं 5600 के स्तर को पार करना बड़ी बात थी। लेकिन दोपहर बारह बजे के बाद बाजार अपनी बढ़त को बनाए नहीं रख। माना जा रहा था कि निफ्टी के 5580 के ऊपर पहुंचते ही टेक्निकल एनालिस्ट और बाजार के पंटर भाई लोग लांग होने या खरीद की भंगिमा अपनाने जा रहे हैं। लेकिन शर्त यही है कि निफ्टी को इससे ऊपर बंदऔरऔर भी

रिजर्व बैंक ने बड़े साफ शब्दों में कह दिया है कि नए वित्त वर्ष 2011-12 के बजट में वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने सब्सिडी के लिए जो प्रावधान किया है, वह वास्तविकता के अनुरूप नहीं है। सोमवार को नए साल की मौद्रिक नीति जारी करने से पहले अर्थव्यवस्था की समग्र स्थिति के आकलन में रिजर्व बैंक ने यह बात कही है। रिजर्व बैंक के दस्तावेज में कहा गया है कि बजट में सब्सिडी की गिनती यह मानकरऔरऔर भी

सरकार ने उवर्रकों के लिए पोषक तत्वों पर आधारित सब्सिडी स्कीम (एनबीएस) के तहत चालू वित्त वर्ष 2011 के लिए फॉस्फेटिक और पोटाशिक खाद का बेंचमार्क मूल्य बढ़ा दिया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इनके मूल्य ज्यादा होने और बेंचमार्क मूल्य कम होने के चलते अभी तक उर्वरक कंपनियां इनके आयात के करार नहीं कर पा रही थीं। लेकिन सरकार ने अब यह मुश्किल हल कर दी है। गुरुवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठकऔरऔर भी

पेट्रोलियम मंत्रालय ने मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) को एस्सार स्टील जैसे गैर-प्राथमिक क्षेत्र की कंपनियों को गैस की आपूर्ति तत्काल रोक देने का निर्देश दिया है। उर्वरक और बिजली संयंत्रों की ईंधन जरूरत पूरा करने के इरादे से मंत्रालय ने यह आदेश दिया है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक मई 2010 के हाईकोर्ट की व्यवस्था का हवाला देते हुए मंत्रालय ने पिछले सप्ताह रिलायंस को लिखे पत्र में केजी-डी6 फील्ड से उत्पादित गैसऔरऔर भी

टाटा केमिकल्स इतने सारे रसायन बनाती है कि आम जनजीवन, खेती-किसानी और उद्योग तक इससे अछूते नहीं हैं। उर्वरक से लेकर नमक, सोडा एश, सीमेंट व बायोडीजल तक। चर्चा है कि उसे जापान से नमक का बड़ा ऑर्डर मिलनेवाला है। इस समय भूकंप व सुनामी से तबाह जापान के तमाम इलाकों में रूह कंपा देनेवाली ठंड पड़ रही है। जापान को अभी भारी मात्रा में नमक चाहिए। लेकिन उसके पास नमक के अपने स्रोत खत्म होने लगेऔरऔर भी

चार महीने पहले 9 नवंबर 2010 को गुजरात नर्मदा वैली फर्टिलाइजर्स कंपनी का जो शेयर (बीएसई – 500670, एनएसई – GNFC) 144 रुपए पर था, अब 9 मार्च 2010 को घटकर 52 हफ्ते के न्यूनतम स्तर 96.60 रुपए पर आ गया है। इस बीच ऑपरेटरों के खेल को छोड़ दें तो कंपनी के साथ सब कुछ शुभ-शुभ ही हुआ है। कम से कम ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है जो उसका शेयर करीब 33 फीसदी गिर जाए।औरऔर भी