रिजर्व बैंक ने मौद्रिक की तीसरी त्रैमासिक समीक्षा में ब्याज दरों को जस का तस रखा है, लेकिन नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को आधा फीसदी घटाकर 6 से 5.5 फीसदी कर दिया है। दूसरे शब्दों में बैंकों को अब अपनी कुल जमा का 6 फीसदी नहीं, बल्कि 5.5 फीसदी हिस्सा ही रिजर्व बैंक के पास रखना होगा। यह फैसला 28 जनवरी 2012 से शुरू हो रहे पखवाड़े से लागू हो जाएगा। ध्यान दें कि सीआरआर में आधाऔरऔर भी

कल अचानक जिस तरह की कयासबाज़ी बढ़ गई थी कि रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति की तीसरी त्रैमासिक समीक्षा में ब्याज दरें 0.50 फीसदी बढ़ा सकता है, वह आज मंगलवार को पूरी तरह हवाई निकली। रिजर्व बैंक ने उम्मीद के मुताबिक रेपो और रिवर्स रेपो दर में 0.25 फीसदी की वृद्धि कर दी है। अब तत्काल प्रभाव से रेपो दर 6.25 फीसदी से बढ़कर 6.5 फीसदी और रिवर्स रेपो दर 5.25 फीसदी से बढ़कर 5.50 फीसदी हो गईऔरऔर भी

रिजर्व बैंक ने तीसरी तिमाही के बीच में मौद्रिक नीति की समीक्षा करते वक्त तरलता के संकट को स्वीकार किया है और इसे दूर करने के लिए उसने 18 दिसंबर से वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) को 25 फीसदी के मौजूदा स्तर से घटाकर 24 फीसदी कर दिया है। साथ ही उसने तय किया है कि अगले एक महीने में वह खुले बाजार ऑपरेशन (ओएमओ) के तहत नीलामी से 48,000 करोड़ रुपए के सरकारी बांड खरीदेगा। उसने सीआरआरऔरऔर भी

रिजर्व बैंक ने पिछले हफ्ते चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत बैंकों को शाम को धन उपलब्ध कराने की खिड़की बंद कर दी थी। लेकिन इस हफ्ते के पहले दो दिनों में बैंकों ने जिस तरह एलएएफ के तहत भारी रकम उठाई, उसे देखते हुए रिजर्व बैंक ने यह विशेष सुविधा दोबारा शुरू करने का फैसला किया है। अब 16 दिसंबर तक बैंक हर कामकाजी दिन में शाम 4.15 बजे रिजर्व बैंक से रेपो दर पर सरकारीऔरऔर भी

दुनिया के सबसे बड़े निवेशक जॉर्ज सोरोस का मानना है कि भारतीय शेयर बाजार में चल रही तेजी में अगर कोई रुकावट है तो वह है मुद्रास्फीति का मंडराता खतरा। रिजर्व बैंक ने ब्याज दरें बढ़ाकर इसी खतरे का कम करने की कोशिश की है। मौद्रिक नीति की दूसरी त्रैमासिक समीक्षा के बीच में रिजर्व बैंक ने गुरुवार को रेपो दर 0.25 फीसदी बढ़ाकर 6 फीसदी और रिवर्स रेपो दर को 0.50 फीसदी बढ़ाकर तत्काल प्रभाव सेऔरऔर भी

बढ़ती मुद्रास्फीति ने आखिरकार रिजर्व बैंक को बेचैन कर ही दिया और उसने आज, शुक्रवार को ब्याज दरें बढ़ाकर मांग को घटाने का उपाय कर डाला। रिजर्व बैंक ने तत्काल प्रभाव से रेपो दर (रिजर्व बैंक से सरकारी प्रतिभूतियों के एवज में रकम उधार लेने की ब्याज दर) 5.25 फीसदी से बढ़ाकर 5.50 फीसदी और रिवर्स रेपो दर (रिजर्व बैंक के पास धन जमा कराने पर बैंकों को मिलनेवाली ब्याज दर) 3.75 फीसदी से बढ़ाकर 4 फीसदीऔरऔर भी

सिस्टम में तरलता की कमी का जरा-सा संकेत मिलते ही रिजर्व बैंक मैदान में उतर आया है। उसने तय किया है कि बैंक चल निधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत कभी भी रिजर्व बैंक से अपनी कुल जमा का 0.5 फीसदी हिस्सा उधार ले सकते हैं। साथ ही एलएएफ सुविधा बैंकों को अब दिन में एक के बजाय दो बार दी जाएगी। रिजर्व बैंक का ताजा फैसला शुक्रवार 28 मई, 2010 से लागू हो जाएगा। लेकिन उसनेऔरऔर भी