प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में कं‍पनी अधिनियम, 2013 में कुछ संशोधन करने के लिए कंपनी (संशोधन) विधेयक, 2014 को संसद में पेश करने को मंजूरी दे दी गई। सरकार ने इसका मकसद देश में बिजनेस करने की प्रक्रिया को आसान बताना बताया है। मालूम हो कि विश्व बैंक की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक बिजनेस करने की आसानी के बारे में दुनिया के 189 देशों में भारत की रैंकिंग सालऔरऔर भी

अगर 1991 में देश में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत के तत्काल बाद 1956 का कंपनी अधिनियम खत्म कर नया अधिनियम ले आया गया होता तो आज जिस तरह कॉरपोरेट जालसाजी की घटनाएं हो रही हैं, वे नहीं होतीं। यह कहना है खुद हमारे कॉरपोरेट कार्य मंत्री वीरप्पा मोइली का। मोइली ने सोमवार की रात बेंगलुरु में ईटीवी कन्नड़ व ईटीवी उर्दू चैनल द्वारा ‘भारत में कॉरपोरेट क्षेत्र का भविष्य’ विषय पर आयोजित सम्मेलन में कहा कि कंपनीऔरऔर भी

कंपनी विधेयक, 2009 संसद के चालू बजट सत्र में ही पेश किया जाएगा। यह विधेयक लगभग आधी सदी पुराने कंपनी अधिनियम, 1956 की जगह लेगा। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने सोमवार को वित्त वर्ष 2011-12 का बजट पेश करते हुए यह प्रस्ताव किया। सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज के घोटाले के सामने आने के बाद नया कंपनी विधेयक संसद में पेश किया गया था। नए कंपनी विधेयक में शेयरधारकों के लिए अधिक पारदर्शिता और कड़े कॉरपोरेट गवर्नेंस नियमों काऔरऔर भी