दुनिया के बाजार में सोने के भाव पिछले छह महीनों में भले ही 3.58 फीसदी गिर चुके हों, लेकिन भारत में इसका दाम इसी दौरान 4.59 फीसदी बढ़ गया है। इसका सीधा वास्ता डॉलर और रुपए की विनिमय दर से है। रुपया गिरता है तो बाकी सब कुछ वैसा ही रहने पर सोना बढ़ जाता है। मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव थोड़ा दबकर 1662.30 डॉलर प्रति औंस (31.1034768 ग्राम) चल रहा था, जबकि भारतऔरऔर भी

कैस्ट्रॉल इंडिया का शेयर इस साल जनवरी से लेकर कल तक 26.76 फीसदी बढ़ चुका है। इसी दौरान सेंसेक्स 12.08 फीसदी बढ़ा है। लेकिन कैस्ट्रॉल शायद बाजार से आगे रहने का यह क्रम आगे जारी न रख सके। कारण, तीन दिन पहले सोमवार को घोषित मार्च तिमाही के उसके नतीजे अच्छे नहीं रहे हैं। इस दौरान जहां उसकी बिक्री 4.13 फीसदी बढ़कर 781.7 करोड़ रुपए पर पहुंची है, वहीं शुद्ध लाभ 10.03 फीसदी घटकर 122.9 करोड़ रुपएऔरऔर भी

भारतीय रुपया बुधवार को डॉलर के सापेक्ष तीन महीने के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया। दिन भर में जितना भी बढ़ा था, शाम तक सारा कुछ धुल गया। विदेशी मुद्रा डीलरों को लगता है कि रिजर्व बैंक ने ब्याज दर में जितनी कटौती करनी थी, कर दी है। आगे इसकी गुंजाइश बेहद कम है। आज खुद रिजर्व बैंक के गवर्नर दुव्वरि सुब्बाराव ने भी कह दिया कि मुद्रास्फीति बढ़ने का जोखिम कायम है, इसलिए ब्याज दरों कोऔरऔर भी

गुरुवार को डॉलर के सापेक्ष रुपए की विनिमय दर में करीब 1.2 फीसदी का झटका लगा है। बुधवार को एक डॉलर की विनिमय दर 50.775/785 रुपए थी, जबकि गुरुवार को यह 51.39/40 रुपए पर पहुंच गई। यह 12 दिसंबर 2011 के बाद किसी एक दिन में रुपए को लगा सबसे तगड़ा झटका है। विदेशी मुद्रा बाजार में इसकी दो वजहें मानी जा रही हैं। एक तो तेल आयातकों की तरफ से लगातार बढ़ रही डॉलर की मांग।औरऔर भी

शुक्रवार को विदेशी निवेश बैंक मैक्वारी ने अपनी रिसर्च रिपोर्ट में आगाह किया था कि भारत को कच्चे तेल का झटका लग सकता है क्योंकि रुपए में इसकी कीमत अब तक की चोटी पर पहुंच चुकी हैं। तेल की ऊंची कीमतें मुद्रास्फीति को धक्का दे सकती हैं और ब्याज दरों को घटाए जाने की संभावना खत्म हो सकती है। मैक्वारी के बाद अब देश की दो प्रमुख रेटिंग एजेंसियों क्रिसिल और केयर रेटिंग्स ने कच्चे तेल केऔरऔर भी

सरकारी तेल कंपनियां इस हफ्ते शनिवार, 3 मार्च को उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों का सातवां व आखिरी दौर खत्म होते ही पेट्रोल व डीजल के दाम बढ़ा सकती हैं। सूत्रों के मुताबिक जहां पेट्रोल के दाम प्रति लीटर 4 रुपए बढ़ाए जा सकते हैं, वहीं डीजल के दाम में भी कम से कम 2 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि हो सकती है। इससे पहले कंपनियों ने 1 दिसंबर 2011 को पेट्रोल के दाम बदले थे। बताऔरऔर भी

किसी समय पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने दुनिया में खाने-पीने की चीजों की बढ़ती महंगाई के लिए भारत व चीन जैसे देशों में आम लोगों की बढ़ती क्रयशक्ति को जिम्मेदार ठहराया था। अब मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पेट्रोलियम तेल की कीमतों में हो रही वृद्धि के लिए भारत, चीन व ब्राजील जैसे देशों में बढ़ रही मांग को जिम्मेदार ठहरा दिया है। साथ ही उन्होंने अपने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वियों पर तेल कीमतों में वृद्धिऔरऔर भी

भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मामलों में विकसित देशों का पिछलग्गू बनने के बजाय कम से कम इतना जरूर दिखा दिया है कि उसकी रीढ़ की हड्डी अभी सही-सलामत है। अमेरिकी दौरे पर आए वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने शिकागो शहर में दिए गए एक बयान में कहा है कि ईरान के खिलाफ अमेरिका व यूरोपीय संघ की तरफ से बंदिशें लगाए जाने के बावजूद भारत ईरान से पेट्रोलियम तेलों के आयात में कमी नहीं करेगा। भारत अपनीऔरऔर भी

कई हफ्तों से चल रही बातचीत के बाद यूरोपीय संघ ने आखिरकार ईरान के तेल निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला कर लिया। यूरोपीय संघ के फैसले के बाद 27 देश तुरंत ईरान का तेल खरीदना बंद कर देंगे। सोमवार को ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के नेताओं की बैठक के बाद एक अधिकारी ने कहा, “तेल प्रतिबंध लगाने पर राजनीतिक सहमति हो गई है।” बैठक में यूरोपीय संघ के 27 देशों के विदेश मंत्रियों ने हिस्सा लिया।औरऔर भी

दुनिया में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और कमजोर होते रुपए के चलते सरकारी तेल मार्केटिंग कंपनियों (ओएमसी) की अंडर-रिकवरी चालू वित्त वर्ष 2011-12 में 1.40 लाख करोड़ रुपए के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकती है। यह आकलन है देश की प्रमुख रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की रिसर्च शाखा का। अंडर-रिकवरी का मतलब उस नुकसान से है जो ओएमसी को डीजल, रसोई गैस व कैरोसिन को सरकार निर्धारित दामों पर बेचने के चलते उठाना पड़ता है। उनका लागतऔरऔर भी