अमूमन कुछ लोग लिखते हैं, बहुत से लोग पढ़ते हैं। लेकिन इधर लिखनेवाले बहुत हो गए हैं और पढ़नेवाले कम तो इसका मतलब यही है कि रीतापन इतना ज्यादा है कि अब पढ़नेवाले ही कलम उठाने लगे हैं।और भीऔर भी

कहां तो विश्लेषक मानकर चल रहे थे कि मई में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 16 फीसदी बढ़ेगा और कहां असल में यह 11.5 फीसदी ही बढ़ा है। यह पिछले सात महीनों का सबसे निचला स्तर है। लेकिन इन आंकड़ों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वित्त सचिव अशोक चावला का कहना है कि किसी को भी यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि औद्योगिक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर लंबे समय तक असामान्य दरों पर बढ़ता रहेगा। इसके सामने क्षमता की सीमाएं हैं।औरऔर भी