आज के जमाने में सच्ची देशभक्ति का मतलब है उन लोगों को बेनकाब करना जो राष्ट्र की संपदा की निजी लूट में शामिल हैं। वे राष्ट्रद्रोही हैं जो जनता से मिले टैक्स या राष्ट्र के नाम पर लिए गए कर्ज का अपव्यय कर दलालों की तिजोरी भर रहे हैं।और भीऔर भी

वही पुरानी कहानी। डाउ जोन्स नीचे, एशियाई बाजार भी नीचे तो पंटरों ने भारत में भी 5590 का स्टॉप लॉस मारकर बिकवाली कर डाली। लेकिन निफ्टी ने उन्हें निचोड़ डाला। हालांकि निफ्टी मामूली गिरावट के साथ 5521.95 और निफ्टी फ्चूचर्स 5529.50 पर बंद हुआ है। लेकिन अब भी उसके बढ़कर 5650 तक जाने के पूरे आसार है। यह बेरोकटोक होगा क्योंकि ऑपरेटर अपनी पोजिशन रोल करने आगे ले जाने को तैयार नहीं हैं और टेक्निकल एनालिसिस परऔरऔर भी

अगले 48 सालों में जापान की आबादी 32 फीसदी घट जाएगी और उसमें भी ज्यादातर बुजुर्ग होंगे। जापान के स्वास्थ्य व कल्याण मंत्रालय की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट का कहना है कि साल 2060 तक देश की आबादी घटकर 8.67 करोड़ रह जाएगी। अगर इसके बाद भी यही दशा जारी रही तो 2110 तक जापान में सिर्फ 4.92 करोड़ लोग बचे रहेंगे। फिलहाल जापान की आबादी 12.77 करोड़ है। जापान सरकार कोऔरऔर भी

जो लोग कर्ज, आग, शत्रु व बीमारी, इन चारों को पूरी तरह खत्म किए बिना चैन से नहीं बैठते, उनको बाद में कभी नहीं रोना पड़ता। लेकिन जो इन्हें लोग पाले रहते हैं, वे ताजिंदगी विलाप ही करते रहते हैं।और भीऔर भी

हमारी जितनी भी ऊर्जा है, सारी की सारी उधार की है। इसे किसी न किसी दिन लौटाना ही पड़ता है। अपने अंदर लेकर बैठे रहे तो कभी चैन नहीं मिलता क्योंकि कर्ज लौटाए बिना उऋण कैसे हो सकते हैं हम?और भीऔर भी

अमेरिका की ऋण सीमा का बवाल भले ही इस महीने उठा हो और स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने उसकी रेटिंग दो हफ्ते घटा दी हो, लेकिन दुनिया भर के देश दो महीने पहले से ही अमेरिकी बांडों में अपना निवेश घटाने लगे हैं। मई में जहां दुनिया के तमाम देशों ने अमेरिकी बांडों में 4516 अरब डॉलर लगा रखे थे, वहीं जून में उनका निवेश घटकर 4499.2 अरब डॉलर रह गया। लेकिन इस दौरान चीन व ब्रिटेन जैसेऔरऔर भी

भारत ने अपने सभी पड़ोसी देशों को 10-10 करोड़ डॉलर का सस्ता कर्ज मुहैया कराने की प्रतिबद्धता जताई है। इन देशों को ये ऋण इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं, यानी सड़क, पेयजल व बिजली वगैरह के लिए दिए जाएंगे। मंगलवार को माले (मालदीव) में दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार क्षेत्र की मंत्री-स्तरीय परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि भारत ने दक्षेस क्षेत्र के लिए नया ‘खरीदार ऋण कवच’ बनाया है। उन्होंनेऔरऔर भी

रिजर्व बैंक ने पिछले हफ्ते चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत बैंकों को शाम को धन उपलब्ध कराने की खिड़की बंद कर दी थी। लेकिन इस हफ्ते के पहले दो दिनों में बैंकों ने जिस तरह एलएएफ के तहत भारी रकम उठाई, उसे देखते हुए रिजर्व बैंक ने यह विशेष सुविधा दोबारा शुरू करने का फैसला किया है। अब 16 दिसंबर तक बैंक हर कामकाजी दिन में शाम 4.15 बजे रिजर्व बैंक से रेपो दर पर सरकारीऔरऔर भी

सरकार ने किसानों को रियायती ब्याज दर पर ऋण मुहैया कराने के लिए अपने खजाने से 4868 करोड़ रुपए निकालने का निर्णय लिया है। यह रकम सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और को-ऑपरेटिव बैंकों के साथ-साथ नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक) को भी दी जाएगी। नाबार्ड क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और को-ऑपरेटिव बैंकों को रीफाइनेंस करता है। यह निर्णय शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। मंत्रिमंडल के इस फैसले से यहऔरऔर भी