धन कम लोगों को किस्मत और ज्यादातर लोगों को कला और जमाने की समझ से मिलता है। इसलिए अगर आप गरीब पैदा हुए तो इसमें आपकी कोई गलती नहीं। लेकिन आप अगर गरीब रहकर ही मर गए तो इसमें सरासर गलती आपकी है।और भीऔर भी

माना कि इच्छाएं ही दुख का मूल कारण हैं। अमीर से अमीर शख्स भी और ज्यादा पाने के चक्कर में दुखी रहता है। लेकिन इच्छाएं है, तभी तो जीवन है। कला व ज्ञान-विज्ञान का स्रोत भी तो इच्छाएं ही हैं।और भीऔर भी

कोई इंसान सुखी हो, इसका मतलब कतई यह नहीं कि वह खुश भी हो। खुशी तो एक अनुभूति है जिसका पारा ऊपर-नीचे होता रहता है। खुश रहना एक कला है, जिसकी आदत बड़े जतन से डालनी पड़ती है।और भीऔर भी