छह साल तक चली आनाकानी और लंबी सरकारी प्रक्रिया के आखिरकार चीन ने भारत से बासमती चावल के आयात को मंजूरी दे दी। चीन में इस मामले से संबंद्ध शीर्ष संस्था ने बीते हफ्ते ही घोषणा कर दी कि वह भारत से बासमती चावल के आयात की इजाजत दे रहा है। बता दें कि चीन दुनिया का सबसे बड़ा चावल बाजार है। वह अभी तक बासमती चावल पाकिस्तान से आयात करता रहा है। साथ ही थाईलैंड सेऔरऔर भी

रेनेसां ज्वेलरी का आईपीओ नवंबर 2007 में आया था और उसके शेयर 150 रुपए मूल्य पर जारी किए गए थे। 12 दिसंबर 2007 को लिस्टिंग के दिन यह 190 रुपए तक चला गया। लेकिन इस समय इसका भाव 73 रुपए चल रहा है। इसका 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर 95.40 रुपए (6 मई 2010) और न्यूनतम स्तर 39.60 रुपए (5 नवंबर 2009) रहा है। कंपनी अभी तक अपने लगभग सारे जेवरात अमेरिका को निर्यात करती रही हैऔरऔर भी

केआरबीएल दो भाइयों खुशी राम व बिहारी लाल द्वारा 1889 में ल्यानपुर (अब फैसलाबाद, पाकिस्तान) में बनाई गई कंपनी है। इंडिया गेट बासमती चावल आपने दुकानों में देखा होगा। वो इसी का ब्रांड है। कंपनी खुद को दुनिया का सबसे बड़ी राइस मिलर और बासमती चावल की सबसे बड़ी निर्यातक बताती है। क्रिसिल रिसर्च ने करीब डेढ़ महीने पहले अपनी रिपोर्ट में केआरबीएल का उचित मूल्य 34 रुपए बताया था। लेकिन वह तब भी 24 रुपए परऔरऔर भी

टिप्स का धंधा कैसा दागदार हो गया है, इसकी मिसाल देश के सबसे बड़े अंग्रेजी बिजनेस अखबार ने पेश कर दी है। सोमवार को पूंजी बाजार नियामक संस्था सेबी ने बासमती चावल निर्यात करनेवाली कंपनी केआरबीएल लिमिटेड के शेयरों की खरीद-फरोख्त में धांधली को लेकर किसी जिग्नेश शाह नाम के शख्स पर 2.5 लाख रुपए का जुर्माना लगा दिया और अगले ही दिन, मंगलवार को इस अखबार ने केआरबीएल में खरीद की सलाह दे डाली। हालांकि यहऔरऔर भी