किसी शेयर की बुक वैल्यू 320 रुपए हो और उसका शेयर इसके लगभग आधे भाव पर ट्रेड हो रहा तो आप क्या करेंगे? ऊपर से शेयर दस से नीचे के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा तो हर कोई कहेगा – लूट लो, यह शेयर तो साल भर में दोगुना हो ही सकता है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या बुक वैल्यू का ज्यादा होना ही निवेश का पर्याप्त मानदंड है? क्या कम पी/ई का मतलब उसऔरऔर भी

नियंत्रक व महालेखापरीक्षक (कैग) ने कृष्णा गोदावरी बेसिन में पूरा का पूरा डी-6 ब्लॉक रिलायंस इंडस्ट्रीज के पास छोड़ने के लिए पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय की खिंचाई की है और कहा है कि यह कंपनी के साथ उत्पादन में हिस्सेदारी के अनुबंध (पीएससी) के विरुद्ध है। यह बातें कैग ने हाइड्रोकार्बन पीएससी पर गुरुवार को संसद को सौंपी अपनी अंतिम रिपोर्ट में कही हैं। लेकिन इसमें डी-6 ब्लॉक पर रिलायंस द्वारा 2004 के प्रस्तावित 2.4 अरबऔरऔर भी

केयर्न इंडिया ने बड़े सभ्य अंदाज में कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी ने संभवतः कृष्णा गोदावरी बेसिन के केजी डीडब्ल्यूएन-98:2 ब्लॉक में प्राकृतिक गैस भंडारों को बढा-चढाकर बताया है। दूसरे शब्दों में केयर्न इंडिया का आरोप है कि ओएनजीसी ने गैस भंडार के बारे में झूठ बोला था, हवाबाजी की थी। यह ब्लॉक रिलायंस इंडस्ट्रीज के केजी-डी6 ब्लॉक के पास ही है। केयर्न इंडिया ने केजी डीडब्ल्यूएन-98:2 ब्लॉक में चार खोज की थीं औरऔरऔर भी

पेट्रोलियम मंत्रालय ने मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) को एस्सार स्टील जैसे गैर-प्राथमिक क्षेत्र की कंपनियों को गैस की आपूर्ति तत्काल रोक देने का निर्देश दिया है। उर्वरक और बिजली संयंत्रों की ईंधन जरूरत पूरा करने के इरादे से मंत्रालय ने यह आदेश दिया है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक मई 2010 के हाईकोर्ट की व्यवस्था का हवाला देते हुए मंत्रालय ने पिछले सप्ताह रिलायंस को लिखे पत्र में केजी-डी6 फील्ड से उत्पादित गैसऔरऔर भी

रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) बढ़ते-बढ़ते फिर गिरने लगा। कल बीएसई सेंसेक्स 80.71 अंक गिरा तो इसमें तकरीबन आधा, 49.51 फीसदी योगदान रिलांयस का रहा। कितनी विचित्र बात है कि मंगलवार 21 सितंबर को जब सेंसेक्स ने करीब 32 महीने बाद 20,000 आंकड़ा पार किया, उसी दिन से रिलायंस में गिरावट का नया सिलसिला शुरू हुआ है। तरह-तरह की थ्योरी पेश की जा रही है कि निवेशक आरईएल ने निकलकर ओएनजीसी की तरफ जा रहे हैं। दुनिया में भरऔरऔर भी