एक तो मानव मस्तिस्क की संरचना, ऊपर से वर्तमान के खांचे में कसी सोच की धृतराष्ट्री जकड़। सो, वर्तमान की सार्थक आलोचना और भविष्य की तार्किक दृष्टि तक हम पहुंच ही नहीं पाते और आगे बढ़ने की कोशिश में हमेशा मुंह की खाते रहते हैं।और भीऔर भी

अपने को जानने का मतलब है अपने शरीर, मन और इस दुनिया-जहान की संरचना को जानना, इनकी मूल प्रकृति व अंतर्संबंधों को समझना। आज आंखें मूंदकर अपने को जानने की कसरत बेमतलब है।और भीऔर भी

गुरुत्वाकर्षण इतना सहज है कि सब धरती से चिपके आराम से चलते रहते हैं। जब उड़ना होता है तभी इस चुम्बक का अहसास होता है। इस ज्ञान के लिए उड़ना नहीं तो कम से कम उड़ने की कोशिश जरूरी है।  और भीऔर भी

जब आप सबका बनना चाहते हो तो अपना सारा कुछ उसके अधीन कर देना चाहिए। ध्यान रखें कि सबका बनने की चाह और अपना कुनबा अलग चलाने की कोशिश आपको कहीं का नहीं छोड़ती।और भीऔर भी

दुनिया में ऐसा कुछ नहीं जो किसी न किसी को पता न हो या उसे जानने की कोशिश न चल रही हो। सबको सब पता रहे, जरूरी नहीं। लेकिन ज़िंदगी का दायरा जितना बड़ा हो, उतना तो जानना जरूरी है।और भीऔर भी

बाजार के रुख और रवैये का बदलना अब इतना आसान नहीं रह गया है क्योंकि ट्रेडरों का बहुमत मानता है कि हम निफ्टी में 5500 व 4700 की तरफ जा रहे हैं। वे मानते हैं कि भारतीय प्रधानमंत्री को पद छोड़ना पड़ेगा और इससे बाजार की स्थितियां जटिल हो जाएंगी। ऐसा हो भी सकता है और नहीं भी। हालांकि उनके तर्क में दम नहीं नजर आता, लेकिन उनकी हरकतें पूरी तरह उनकी सोच के अनुरूप हैं। 100औरऔर भी