वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाह को आगाह किया है कि अगर मौजूदा आर्थिक संकट गहराता है तो मुद्रा युद्ध का खतरा पैदा हो सकता है। मुखर्जी ने गुरुवार को वॉशिंगटन में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के मुख्यालय में ब्रिक्स देशों के वित्त मंत्रियों के संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस तरह के मुद्रा युद्ध को आपसी बातचीत से ही टाला जा सकता है न कि प्रतिस्पर्धी अवमूल्यन से। एक सवाल के जवाब में मुखर्जी नेऔरऔर भी

कोई चीज बहुत जल्दी, बहुत आसानी से हो जाए तो बहुतों के लिए उसे पचा पाना बहुत मुश्किल होता है। शेयर बाजार जिस तरह से सुधरा है, निफ्टी 5180 और सेंसेक्स 17,770 से जिस तेजी से उठा है, उससे कभी-कभी डर भी लगता है कि कहीं सब फिर से पटरा न हो जाए। वैसे, आपको याद होगा कि बाजार के इन स्तरों पर पहुंचने पर हमने साफ कहा था कि वह अब तलहटी पकड़ चुका है औरऔरऔर भी

मुथूत फाइनेंस। दो हाथी सूड़ से सूड़ टकराते हुए। बड़े-बड़े दावे। बड़े-बड़े विज्ञापन। पब्लिक से पैसे जो जुटाने हैं!! आईपीओ इसी सोमवार 18 अप्रैल को खुलेगा। कंपनी कहती है कि वह भारत की सबसे बड़ी गोल्ड फाइनेंसिंग कंपनी है और हर दिन के उसके औसत कस्टमर 67,953 हैं। महीने, साल गिन लीजिए। अरे, जब इतने ही कस्टमर हैं तो पब्लिक को 5.15 करोड़ शेयर जारी करने की जरूरत क्यों पड़ गई? एक तरफ कहती है कि वहऔरऔर भी

समाज में जब तक हम बहुत बड़े नहीं बन जाते, तब तक इस्तेमाल किए जाने का खतरा हमेशा हमारे ऊपर मंडराता रहता है। हम मगन होकर काम करते हैं। लेकिन अनजाने में इस्तेमाल हो जाते हैं।और भीऔर भी