सरकार ने उवर्रकों के लिए पोषक तत्वों पर आधारित सब्सिडी स्कीम (एनबीएस) के तहत चालू वित्त वर्ष 2011 के लिए फॉस्फेटिक और पोटाशिक खाद का बेंचमार्क मूल्य बढ़ा दिया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इनके मूल्य ज्यादा होने और बेंचमार्क मूल्य कम होने के चलते अभी तक उर्वरक कंपनियां इनके आयात के करार नहीं कर पा रही थीं। लेकिन सरकार ने अब यह मुश्किल हल कर दी है। गुरुवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठकऔरऔर भी

कोरोमंडल इंटरनेशनल दक्षिण भारत के मुरुगप्पा समूह की कंपनी है। फर्टिलाइजर, स्पेशियलिटी न्यूट्रिएंट व फसल बचाने के उत्पादों के साथ-साथ रिटेल के धंधे में भी है। 2007 में उसने दो रिटेल आउटलेट से शुरुआत की थी। अभी उसके पास आंध्र प्रदेश के ग्रामीण अंचल में 425 से ज्यादा रिटेल स्टोर हैं जहां खाद वगैरह के साथ ही कपड़े-लत्ते व रोजम्रर्रा की तमाम चीजें मिलती हैं। कंपनी फॉस्फेट खाद में देश की दूसरी सबसे बड़ी निर्माता है। मतलबऔरऔर भी

सरकार यूरिया से मूल्य-नियंत्रण हटाने की तरफ तेज कदमों से बढ़ रही है। बुधवार को वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी और उवर्रक राज्य मंत्री श्रीकांत जेना उर्वरक उद्योग के प्रतिनिधियों से मिले। समाचार एजेंसी रायटर्स के अनुसार इस मुलाकात के बाद उन्होंने एक पैनल बनाने का निर्णय लिया है जिसमें उर्वरक मंत्रालय, कृषि मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के शीर्ष अधिकारी शामिल रहेंगे। यह पैनल यूरिया के मूल्य से सरकारी नियंत्रण हटाने की संभाव्यता पर विचारऔरऔर भी