सृजन व पीड़ा में अभिन्न रिश्ता है। प्रकृति ने तो सृजन की हर प्रक्रिया के साथ खुशी व उन्माद के ऐसे भाव जोड़ रखे हैं कि पीड़ा गौड़ हो जाती है। सामाजिक सृजन में इंसान को यह काम खुद करना पड़ता है।और भीऔर भी

आर्थिक रफ्तार के थमने ने कम से कम चीन को इतनी सद्बुद्धि तो दे दी कि उसने बैंकों के लिए निर्धारित कैश रिजर्व अनुपात में कमी कर दी है, जबकि इसकी अपेक्षा भारत में की जा रही थी। अपने यहां तो लगता है कि राजनीति देश और देशवासियों से ज्यादा बड़ी हो गई है। देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) महज 6.9 फीसदी बढ़ा, जो 2009 के न्यूनतम स्तर 5.5 फीसदी के काफी करीब है। ऐसे मेंऔरऔर भी