इधर हर कोई सोने में चल रही तेजी की वजह यूरोप के ऋण संकट और अमेरिका में आई आर्थिक सुस्ती को बता रहा है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स के बाजार विश्लेषक क्लाइड रसेल का कहना है कि इसकी असली वजह दुनिया के केंद्रीय बैंकों की खरीद के अलावा भारत व चीन के ग्राहकों की बढ़ी हुई मांग है जहां सोना खरीदना मुद्रास्फीति के बचाव के साथ-साथ स्टेटस सिम्बल भी बनता जा रहा है। क्लाइड रसेल काऔरऔर भी

हर दिन उछलते दामों के चलते सोने में निवेश बढ़े या न बढे, लेकिन गोल्ड ईटीएफ में निवेश बढ़ रहा है। देश के सबसे बड़े शेयर बाजार नेशनल स्टाक एक्सचेंज में गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) का कारोबार पिछले साल दोगुने से अधिक हो गया। गोल्ड इटीएफ में निवेशकों को सोने को इलेक्ट्रानिक रूप में खरीदने और बेचने की अनुमति होती है। एनएसई में गोल्ड ईटीएफ का कुल कारोबार 2010-11 में बढ़कर 4074.30 रुपए हो गया जोऔरऔर भी

म्यूचुअल फंड की किसी भी स्कीम में कम से कम 20 निवेशकों का होना जरूरी है और एक यूनिटधारक के पास स्कीम या प्लान के कुल आकार का 25 फीसदी से ज्यादा हिस्सा नहीं हो सकता। इन शर्तों के उल्लंघन पर पूरी स्कीम ही बंद ही जा सकती है और यूनिटधारकों को उनका पैसा उस समय के एनएवी (शुद्ध आस्ति मूल्य) के हिसाब से लौटा देना होगा। लेकिन एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) पर सेबी का यह नियमऔरऔर भी

अभी हमारे शेयर बाजारों में सात गोल्ड ईटीएफ लिस्टेड हैं। इन सभी में एक यूनिट एक ग्राम सोने के समतुल्य है। लेकिन सभी के दाम अलग-अलग हैं। यहां तक कि इनमें घट-बढ़ भी अलग-अलग होती है, जबकि सोने के दाम तो समान रूप से ही बढ़ते-घटते हैं। जैसे, 16 जून 2010 को बीएसई में बेंचमार्क गोल्ड बीज़ 0.66 फीसदी बढ़कर 1838.99 रुपए, कोटक गोल्ड ईटीएफ 0.23 फीसदी बढ़कर 1830.15 रुपए, क्वांटम गोल्ड ईटीएफ 0.23 फीसदी बढ़कर 910.05औरऔर भी

सोने का भाव अभी 18,000 से 19,000 रुपए प्रति दस ग्राम के आसपास ऊपर नीचे हो रहा है। भाव बढ़ते हैं, मुनाफावसूली होती है। भाव गिरते हैं, खरीदारी बढ़ती है। भाव फिर बढ़ जाते हैं। लेकिन कभी आपने इस पर गौर किया है कि इस दौरान सोने के कारोबार से जुड़ी कंपनियों के शेयरों का क्या हाल चल रहा है? नहीं किया है तो कर लीजिए क्योंकि जानकार बताते हैं कि जिंस के भाव और उसके स्टॉकऔरऔर भी

ईटीएफ का मतलब है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड। ये मूलतः सूचकांक या जिंसों पर आधारित फंड होते हैं जो शेयरों की तरह स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध होते हैं और ब्रोकरों को ऑर्डर देकर या अपने डीमैट खाते से इन्हें हर दिन खरीदा-बेचा जा सकता है। दुनिया भर में ईटीएफ बहुत लोकप्रिय हैं और इनमें संस्थागत निवेशकों के लिए आम निवेशक तक अच्छा-खासा निवेश करते हैं। वहां शेयरों, ऋण प्रपत्रों और सोने ही नहीं, क्रूड ऑयल जैसे जिंसों तकऔरऔर भी

इस बार अक्षय तृतीया रविवार, 16 मई को पड़ रही है। इसलिए दोनों ही स्टॉक एक्सचेंजों, बीएसई और एनएसई ने इस दिन केवल गोल्ड ईटीएफ में ट्रेडिंग के लिए बाजार को सुबह 9 बजे से लेकर शाम 3.30 बजे तक खुला रखने का फैसला किया है। लेकिन ध्यान रहे कि इस विशेष सत्र में केवल गोल्ड ईटीएफ में ही ट्रेडिंग होगी, बाकी किसी भी प्रतिभूति में नहीं। अभी सात गोल्ड ईटीएफ शेयर बाजारों में लिस्टेड हैं। येऔरऔर भी

1. कमोडिटी के स्पॉट व फ्यूचर भाव क्या होते हैं? कमोडिटी को हिंदी में जिंस और स्पॉट को हाजिर व फ्यूचर को वायदा कहते हैं। लेकिन हम बोलचाल के कारण इनके लिए अंग्रेजी शब्दों का ही इस्तेमाल करेंगे। स्पॉट भाव तो सीधा-सीधा वह भाव है जिस पर हम नकद देकर कोई जिंस खरीदते हैं। इसमें भी रिटेल और होलसेल भाव अलग होते हैं। फ्यूचर भाव भविष्य की किसी तारीख को उसी जिंस के भाव होते हैं। जैसे,औरऔर भी