सोते हुए को जगाना आसान है, जगते हुए को जगाना मुश्किल। लेकिन जो लोग जागते हुए भी सोते रहते हैं, वे किसी और का नहीं, अपना ही नुकसान करते हैं। असहज अवस्था में होने के कारण फालतू चीजें भी उनके लिए घातक बन जाती हैं।और भीऔर भी

जख्मों पर मक्खियां और दिमाग में अनर्गल विचार तभी तक भिनभिनाते हैं, जब तक हम अचेत या अर्द्धनिद्रा की अवस्था में रहते हैं। जगते ही हमारा सचेत प्रतिरोध तंत्र सक्रिय हो जाता है तो घातक विचार व परजीवी भाग खड़े होते हैं।और भीऔर भी