।।मनमोहन सिंह।। संस्‍कृत भारत की आत्‍मा है। संस्‍कृत विश्‍व की प्राचीनतम जीवित भाषाओं में से एक है। लेकिन प्रायः इसके बारे में गलत धारणा है कि यह केवल धार्मिक श्‍लोकों और अनुष्ठानों की ही भाषा है। इस प्रकार की भ्रांति न केवल इस भाषा की महत्‍ता के प्रति अन्‍याय है, बल्कि इस बात का भी प्रमाण है कि हम कौटिल्य, चरक, सुश्रुत, आर्यभट्ट, वराहमिहिर, ब्रह्मगुप्‍त व भास्‍कराचार्य जैसे अनेक लेखकों, विचारकों, ऋषि-मुनियों और वैज्ञानिकों के कार्य केऔरऔर भी

इस बार चिकित्सा क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार तीन ऐसे वैज्ञानिकों को दिया गया है जिन्होंने पता लगाया है कि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कैसे काम करती है। ये तीन वैज्ञानिक हैं – अमेरिका के ब्रूस ब्यूटलर, लक्जमबर्ग के जूल्स हॉफमैन और कनाडा के राल्फ स्टाइनमैन। इन तीनों को संयुक्त रूप से वर्ष 2011 का चिकित्सा क्षेत्र का नोबल पुरस्कार देने की घोषणा सोमवार को की गई। पुरस्कार देने वाली स्वीडन की संस्था कैरोलिन्सका इंस्टीट्यूट ने एक बयानऔरऔर भी