बाजार के रुख और रवैये का बदलना अब इतना आसान नहीं रह गया है क्योंकि ट्रेडरों का बहुमत मानता है कि हम निफ्टी में 5500 व 4700 की तरफ जा रहे हैं। वे मानते हैं कि भारतीय प्रधानमंत्री को पद छोड़ना पड़ेगा और इससे बाजार की स्थितियां जटिल हो जाएंगी। ऐसा हो भी सकता है और नहीं भी। हालांकि उनके तर्क में दम नहीं नजर आता, लेकिन उनकी हरकतें पूरी तरह उनकी सोच के अनुरूप हैं। 100औरऔर भी

वित्त मंत्रालय ने आखिरकार आर्थिक प्रोत्साहन से कदम वापस खींचने का संकेत दे दिया है। यह बैंकिंग और ऑटो सेक्टर के लिए नकारात्मक बात है। लेकिन पूरे बाजार के लिए यह अच्छी और सकारात्मक बात है क्योंकि इससे पता चलता है कि सरकार के अनुसार आर्थिक विकास की स्थिति इतनी मजबूत हो चुकी है कि प्रोत्साहन जारी रखने की जरूरत नहीं है। तात्कालिक राजनीतिक मुद्दा अलग तेलंगाना राज्य का है। लेकिन यह मुद्दा बेदम होता दिख रहाऔरऔर भी

हमारी दृढ़ धारणा नहीं बदल सकती। हमारा मानना था कि निफ्टी के 6200 के आपपास पहुंचने पर बिकवाली का थोड़ा दबाव आ सकता है और हमने लगभग दिन के सर्वोच्च स्तर 6178 पर मुनाफावसूली की। आपने पहली बार देखा होगा कि निफ्टी में पूरे सत्र के दौरान खरीद की कोई कॉल नहीं थी। हम कल का रुझान कल तय करेंगे। अभी तो हमारा मानना है कि इस सेटलमेंट में निफ्टी 6290 के ऊपर नहीं जाएगा। लेकिन वोऔरऔर भी

जिंदल सॉ बीएसई के ए ग्रुप और बीएई-200 सूचकांक में शामिल है। इसलिए कैश सेगमेंट के साथ ही उसमें डेरिवेटिव सौदे (फ्यूचर एंड ऑप्शन) भी होते हैं। उसके अक्टूबर सीरीज के फ्यूचर्स में वोल्यूम एक करोड़ शेयरों के पार जा चुका है, जबकि नवंबर सीरीज के फ्यूचर्स में ओपन इंटरेस्ट एक ही सत्र में 103 फीसदी बढ़ गया है। इससे साफ पता चलता है कि इस स्टॉक में बड़े लोग घुस रहे हैं। शुक्रवार को कंपनी काऔरऔर भी

कल और आज कुल मिलाकर महज 10,000 करोड़ रुपए के ही सौदों का रोलओवर हुआ है। ऑपरेटर अपनी पोजिशन आगे ले जाने के मूड में नहीं है। कल निफ्टी में 6100 के ऊपर बहुत से खिलाड़ी टेक्निकल चार्टों से निकले यकीन के आधार पर लांग हो गए, यानी उन्होंने खरीद के सौदे कर लिए। लेकिन इस बार तकनीकी गलती की वजह से बाजार ने उन्हें अपनी राय बदलने को बाध्य कर दिया। इतना तय है कि 6050औरऔर भी

ट्रेडरों के लिए आज का दिन बड़ा दुखदायी रहा। उनमें से ज्यादातर निराशा की गर्त में चले गए। उनकी निराशा की वजह वो खीझ है जो उन्हें विशेषज्ञों की इस राय पर भरोसा करने से हुई है कि निफ्टी अब बेरोकटोक 5800 तक गिरने जा रहा है, जबकि बाजार में ऐसा नहीं हुआ। शुरू में गिरावट आई जरूर। लेकिन बाद में बाजार संभल गया। मैंने तो यहां तक सुना कि टेक्निकल एनालिसिस के एक धुरंधर ने खुदऔरऔर भी

जिंदल सॉ ओपी जिंदल समूह की अगुआ कंपनी है। तरह-तरह के ट्यूब और पाइप बनाती है। 1984 में उसने शुरुआत सॉ (सबमर्ज्ड आर्क वेल्डेड) पाइप बनाने से की थी। उसके उत्पादों का व्यापक इस्तेमाल कंस्ट्रक्शन व इंजीनियरिंग के काम में होता है। हाल ही में उसने इंफ्रास्ट्रक्चर, ट्रांसपोर्टेशन व फैब्रिकेशन के लिए जिंदल आईटीएफ नाम से अलग सब्सिडियरी बनाई है। जमा-जमाया धंधा है। प्रबंध दुरुस्त है। लक्ष्य स्पष्ट है। कंपनी बराबर फालतू चीजों से मुक्ति पाकर मूल्य-सृजनऔरऔर भी