कुछ कर गुजरने की ज्वाला को अपने अंदर धीमा मत पड़ने दीजिए। फिर देखिए कि बुरे से बुरे हालात और वक्त भी आपको धूमिल नहीं कर पाएंगे। यहां तक कि उम्र भी आपकी आभा को मंद नहीं कर पाएगी।और भीऔर भी

दिमाग की धमनभठ्ठी को धधकने दें। विचारों की आंधी को धौंकनी बना दें और आग्रहों-पूर्वाग्रहों के खर-पतवार को ईंधन। रक्ताभ ज्वाला में फिर निखरेगा कुंदन, शांत व सम्यक ज्ञान का कुंदन।और भीऔर भी