कुछ लोग फाइनेंस को जमकर गरियाते हैं। कहते हैं कि यह तो बैठे-ठाले दूसरों की जेब ढीली करने का धंधा है, जबकि है यह उद्यमियों की प्रतिभा व मेहनत से हासिल कमाई में हिस्सेदारी का ज़रिया। शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग भी खुद को खोजने जैसी यात्रा है। जोखिम से नहीं डरते; कूदकर फलों को लपकने में मज़ा आता है; अध्ययन, अनुशासन व मेहनत का मन है तो कामयाब होंगे। कल की हिट टिप्स के बाद बात आजऔरऔर भी

बीते शुक्रवार को इनफोसिस ने जो किया, वही इस शुक्रवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा किए जाने का अंदेशा है। इनफोसिस को पहले लगी 12.6 फीसदी चोट के ऊपर करीब 1.5 फीसदी का फटका आज और लग गया। शेयर 25 अगस्त 2011 को हासिल 2169 रुपए के न्यूनतम स्तर से थोड़ा ही दूर, 2339.35 पर बंद हुआ। अब बाजार में चर्चा चल निकली है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज का लाभ चौथी तिमाही में उम्मीद से लगभग 7 फीसदी कमऔरऔर भी

बाजार की चाल निराली है। वित्त मंत्री के बजट भाषण शुरू करने के आधे घंटे में इसकी दशा-दिशा दिखाने वाला सूचकांक निफ्टी 5445.65 की ऊंचाई तक जा पहुंचा। फिर गिरने-उठने लगा और आखिर में कल से 1.16 फीसदी की गिरावट के साथ 5317.90 पर बंद हुआ। मुझे भी लगता है कि बजट में ऐसा कुछ नहीं, जिसे खास माना जाए। निजी आयकर में छूट की सीमा को 20,000 रुपए बढ़ा देने से लोगों की खर्च करने कीऔरऔर भी

वयस्क मताधिकार में हर 18 साल के नागरिक को वोट देने का हक है। उसी तरह कंपनियों के शेयरधारकों को कंपनियों के फैसलों में वोट देने का हक होता है। फर्क इतना है कि यहां शेयरों की खास श्रेणियों में मताधिकार की स्थिति बदलती रहती है। प्रेफरेंशियल शेयर का नाम आप लोगों ने सुना ही होगा। एक अन्य तरह के शेयर होते हैं डीवीआर (डिफरेंशियल वोटिंग राइट्स) शेयर। आम शेयरों में तो हर शेयर पर एक वोटऔरऔर भी

बाजार में आज जमकर अफवाह चली कि भारत के वॉरेन बफेट माने जानेवाले प्रमुख निवेशक राकेश झुनझुनवाला (आरजे) चांदी की ट्रेडिंग में बुरी तरह फंस गए हैं और इसमें हुए नुकसान की भरपाई के लिए तमाम कंपनियों में अपना निवेश निकाल रहे हैं। मेरी समझ से यह मंदडियों द्वारा फैलाई गई अफवाह है। हालांकि यह सच है कि आरजे ने डेल्टा कॉर्प और वीआईपी इंडस्ट्रीज जैसे कुछ स्टॉक्स में अपनी होल्डिंग घटाई है क्योंकि अभी इनका मूल्यांकनऔरऔर भी

ऑपरेटरों द्वारा संचालित स्टॉक्स की धुनाई का एक और दौर बाजार में साफ-साफ देखा जा सकता है। केएसके एनर्जी वेंचर्स और गति लिमिटेड इसी का शिकार बन गए लगते हैं। केएसके को 8.22 फीसदी तोड़कर 64.20 रुपए की नई तलहटी पर पहुंचा दिया गया, वहीं 20 फीसदी तोड़कर गति की भरपूर दुर्गति कर डाली गई। ऐसे में चुनिंदा स्टॉक्स तक सीमित रहना ही भला। देखें कि डिश टीवी और वीआईपी इंडस्ट्रीज में क्या हो रहा है? हमनेऔरऔर भी

सिंगूर में टाटा मोटर्स से वापस ली गई जमीन को अनिच्छुक किसानों को लौटाने पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। हाईकोर्ट के दो जजों की खंडपीठ ने गुरुवार को कहा है कि जब तक मामले को अदालत में निपटा नहीं लिया जाता, तब तक सरकार यह जमीन किसान को नहीं लौटा सकती है। साथ ही पीठ ने 8 नवंबर से मामले पर लगातार सुनवाई करने की बात कही है ताकि जल्द से जल्द मुकदमे काऔरऔर भी

एक फिर हमारी नजर तमाम बहुराष्ट्रीय ब्रोकिंग फर्मों से तेज व पारखी साबित हुई है। हमने बाजार से आगे निकलकर सबसे पहले रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) में खरीद की कॉल पेश की और बेचकर बाजार से पहले ही मुनाफा भी कमा लिया। हमें साफ-साफ लग गया कि आरआईएल के नतीजे उम्मीद से कमतर थे। इसलिए इसमें मुनाफावसूली होनी ही थी। हालांकि बहुत से लोग ने इसे मानने को राजी नहीं थे। रिलायंस का स्टॉक आज करीब 4 फीसदीऔरऔर भी

कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार द्वारा लाए गए सिंगूर भूमि पुनर्वास व विकास अधिनियम को बुधवार को पूरी तरह संवैधानिक व वैध करार दिया। इस फैसले का असर यह होगा कि टाटा मोटर्स को नैनो कार परियोजना के लिए किसानों से ली गई जमीन उन्हें वापस लौटानी होगी। हालांकि कोर्ट के इस फैसले का टाटा मोटर्स के शेयरों पर खास असर नहीं पड़ा और वे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में थोड़ा सा बढ़कर 155.95औरऔर भी

अशोक लेलैंड। आजादी के बाद देश को आत्मनिर्भर बनाने के ख्वाब के साथ 1955 से सक्रिय कंपनी। मालिक हिंदुजा समूह। बस व ट्रक से लेकर डिफेंस व अन्य विशिष्ट कामों के लिए विशेष वाहन। पिछले ही महीने कंपनी हल्के वाहनों के सेगमेंट में ‘दोस्त’ के साथ उतरी है। अशोक लेलैंड का नाम दिखता है हर जगह। कम से कम इस ब्रांड के पांच लाख वाहन सड़कों पर। ए ग्रुप का शेयर। बीएसई-100 में शामिल। लेकिन हाल ऐसाऔरऔर भी