इस समय पूंजी बाजार से रिटेल निवेशक या आम निवेशक कन्नी काट चुके हैं। सेकेंडरी बाजार या शेयर बाजार में उनका निवेश लगभग सूख चुका है। दूसरी तरफ, जो प्राइमरी बाजार कुछ साल पहले तक आम निवेशकों का पसंदीदा माध्यम बना हुआ था, वहा भी अब आईपीओ (शुरुआती पब्लिक ऑफर) व एफपीओ (फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर) में लोगबाग पैसे नहीं लगा रहे हैं। लगाएं भी तो कैसे। कमोबेश हर आईपीओ या एफपीओ लिस्ट होने के बाद इश्यू मूल्यऔरऔर भी